हर बार जब मैं बैठा बनारस के घाट पे मिला खुद से और खुदा से बनारस के घाट पे एक जरा सा तिनका हूँ, और कुछ भी नहीं ये बात समझ आयी पावन, बनारस के घाट पे ©Avinash Kumar #assighat