तेरी आँखों से ही, तेरी आंखो से ही शुरू हुआ ये सब, खत्म भी, इनमें ही हो, मेरी हिस्से की मोहब्बत को इज़ात दे, गुस्ताख़ी हो, तो सजा दे, एक ही ख्वाहिश है, पूरी कर जो तेरी आंखो से शुरू हुआ ये सब, खत्म भी इनमें ही हो।