कर लोगे हासिल मुकाम बेहतर मुझसे, पर रास्तों में हम सा सफ़र पाओगे क्या? अब तुमने साथ पा लिया है नामदारों का, पर जमाने में हम सा हमसफ़र पाओगे क्या? तुम कहते हो कि महफ़िले तुमसे ही लगती हैं, पर हर महफ़िल में हम सा ज़िक्र पाओगे क्या? होते होंगे चर्चे तुम्हारे हर जगह पर, हर जगह हम सा असर पाओगे क्या? जीतने की आदत बड़ी अच्छी है तुम्हारी, लेकिन हारने पर मुस्कुरा कर घर जाओगे क्या? ( शेष अनुशीर्षक में पढ़ें....) कर लोगे हासिल मुकाम बेहतर मुझसे, पर रास्तों में हम सा सफ़र पाओगे क्या? अब तुमने साथ पा लिया है नामदारों का, पर जमाने में हम सा हमसफ़र पाओगे क्या? तुम कहते हो कि महफ़िले तुमसे ही लगती हैं, पर हर महफ़िल में हम सा ज़िक्र पाओगे क्या?