#Nightlight धूप भरी दोपहर में छांव की तलाश में हूं,
सर्द रिश्तों में गर्माहटों की ख़ातिर अलाव की तलाश मे हूं।
ख़िलाफ़ बह सके दरिया की मौजों के जो,
मैं ऐसी किसी एक मजबूत नाव की तलाश में हूं।
ऊब चुका हूं रंगीनियों से शहरों की,
सुकून दे जो ऐसे गांव की तलाश में हूं।
सुन्न पड़ गये हैं कुछ तरह ख़्याल मेरे,
कुरेद कर जगाने के लिए गहरे घाव की तलाश में हूं। #ज़िन्दगी
अम्बुज बाजपेई"शिवम्"
मुझे मुझसा ही रहने दे,
तेरे रकीब की नक़ल नहीं हूं मैं।
मुझे बना सके तो आज बना अपना,
तेरा बीता हुआ कल नहीं हूं मैं।
ये क्या लगा रखा है बार बार
आना और जाना मेरी जिंदगी में,
तेरे सारे पैंतरे समझता हूं
पागल नहीं हूं मैं। #लव#raqeeb
मैं दीदार-ए-चांद में रातें ज़ाया करुंगा,
भले वो रात अमावस की और अंधेरा हो तो हो।
तेरे इश्क के कलमें मैं सबको सुनाऊंगा,
भले ज़माने को बुरा लग जाए और बखेड़ा हो तो हो।
मैं आंखें बंद रख कर तेरे ही ख्वाब देखूं बस,
भले दिन चढ़ जाए और सवेरा हो तो हो।
तेरे होने की खुशी तेरे न होने गम से कहीं बढ़कर है,
भले कुछ पल को ही सही मगर मेरा हो तो मेरा हो। #कविता#loV€fOR€v€R