मैं सजदा उसका करता, आँखों में ख़्वाब पलता, चाहत में उसकी मैं तो अब जीता हूँ न मरता। हैरत में मैं पड़ा हूँ, मेरा हाल हुआ है कैसा? उसकी ही इक झलक से मैं बनता और बिगड़ता। मौसम तमाम सारे, मुझे उसके ही नज़ारें, जाओ कह दो यूँ न देखे, मेरा जी बड़ा बहकता। तुम मत बताना उसको, मेरा हाल जो हुआ है, पहली नज़र का असर है, दिन रात आहें भरता। ये आसमां के चाँद तारें, फ़ीके बड़े हैं सारे, उसकी आँखों की चमक से, सूरज सा मैं चमकता। ओ श्याम वर्ण वाली, तेरी सूरत बड़ी लुभानी, आजाओ इस मौसम, तुम बिन ये दिन न ढलता। ♥️ Challenge-740 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।