Quotes on world कुंठित मन हो, कुंठित वाणी, कुंठा से ग्रसित ही बनते अभिमानी। देखा हमने खेल निराला, दिखावा करने वालो का ही होता बोलबाला। है नकाब चेहरो पर कितने, है चरित्र के खोटे सिक्के। मन मे मैल भरा है जिनके, रिश्तो को व्यापार बनाते, ऐसे महाशय जीवन की परिभाषा सिखाते। आयुष पंचोली ©ayush_tanharaahi #NojotoQuote #kuchaisehi #ayushpancholi #hindimerijaan