बीती रात को ही ये बात हो गई, बातो ही बातो में कहा सुनी हो गई, हा चांद से चांदनी की कहा सुनी हो गई, चांदनी की आंखो ने खूब नीर बहा दिए, फिर भी चांद तक वो नीर ना गए, सारी रात करवटों में चांदनी बीता गई, ओर चांद आराम से अपने , आसमा में समाए रह गए। चांदनी की आंसुओ की कद्र चांद तक न गई, ओर चांदनी की रात युही कट गई।। #रातकाअफ़साना #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ankitaguptalovepoetry #lovepain