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सफ़र और रास्ते एक ही हैं मंजिल भले ही अलग हो गुज

सफ़र और रास्ते एक ही हैं
मंजिल  भले ही अलग हो

गुज़र रही हूं उसी गलियों चौराहों से 
 जहां से  तुम भी गुज़रे हो
यू कहूं तुम्हारे आटो के पीछे मेरी भी आटो था
समय एक ही हैं हमारे रास्ते की
पर हम साथ नहीं है 
क्योंकि मैं थोड़ी देर थी।

देखी तुम्हें उसी कांउटर से टिकट लेकर निकलते हुए
उस पंक्तियों में, मैं भी थी 
पलकें झपकाते ही तुम खो से गए 
मैं थोड़ी देर थी।

ट्रेन आई सब के साथ तुम भी चढ़ गए 
मैं तुम्हारे पिछे ही खड़ी थी
आवाज़ देना चाही पर दे ना पाई 
क्योंकि मैं थोड़ी देर थी।

सफ़र चलता रहा
मैं तुम्हारे पिछले बोगी में बैठी थी
साथ नहीं बैठ पाई, 
  क्योंकि मैं थोड़ी देर थी।

दोनों थे मंजिल के बीचों बीच
रूकी हुई थी ट्रेन अपनी
एक झलक तुम्हारी पाई
पांव कांप उठे थे मेरे
दिल की धड़कन भी तेज हुई
आवाज़ फिर से तुम्हें दे ना पाई
मै थोड़ी देर थी।

सफ़र चलते चलते समाप्त हो गया
हमारी मुलाकात भी नहीं हुई
थोड़ी देर हो गई।

©Anku Sharma #सफ़र_ए_इश्क 

मैं थोड़ी देर थी

😐😌😐

#SunSet
सफ़र और रास्ते एक ही हैं
मंजिल  भले ही अलग हो

गुज़र रही हूं उसी गलियों चौराहों से 
 जहां से  तुम भी गुज़रे हो
यू कहूं तुम्हारे आटो के पीछे मेरी भी आटो था
समय एक ही हैं हमारे रास्ते की
पर हम साथ नहीं है 
क्योंकि मैं थोड़ी देर थी।

देखी तुम्हें उसी कांउटर से टिकट लेकर निकलते हुए
उस पंक्तियों में, मैं भी थी 
पलकें झपकाते ही तुम खो से गए 
मैं थोड़ी देर थी।

ट्रेन आई सब के साथ तुम भी चढ़ गए 
मैं तुम्हारे पिछे ही खड़ी थी
आवाज़ देना चाही पर दे ना पाई 
क्योंकि मैं थोड़ी देर थी।

सफ़र चलता रहा
मैं तुम्हारे पिछले बोगी में बैठी थी
साथ नहीं बैठ पाई, 
  क्योंकि मैं थोड़ी देर थी।

दोनों थे मंजिल के बीचों बीच
रूकी हुई थी ट्रेन अपनी
एक झलक तुम्हारी पाई
पांव कांप उठे थे मेरे
दिल की धड़कन भी तेज हुई
आवाज़ फिर से तुम्हें दे ना पाई
मै थोड़ी देर थी।

सफ़र चलते चलते समाप्त हो गया
हमारी मुलाकात भी नहीं हुई
थोड़ी देर हो गई।

©Anku Sharma #सफ़र_ए_इश्क 

मैं थोड़ी देर थी

😐😌😐

#SunSet
ankusharma6834

Anku Sharma

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