गुनाह किया है मैंने, जो कुछ ख्वाब देखा है, ना काम ना ज्यादा, अपना ही रुवाब देखा है। है मुझे अफ़सोस की, इसे पूरा नहीं कर सकी, पूरा भी करूंगी एक दिन, ये ख़्वाब देखा है।। सभी दोस्तों को प्यार भरा "नमस्कार" 🎀 आप सभी इस शीर्षक को ध्यान में रखते हुए अपनी रचनाएं लिखे । 🎀