सब मेरे दिल का ही हो, हर बार ही तो मैं चुप हो जाती हूं, जो भी मिलता है , मुझको । बस उसी में खुश हो जाती हूं। फिर भी क्यूं हर बार मैं, इतनी टूट सी जाती हूं। पता नही क्यूं हर बार मैं, बिना गलती के ही गलत कहलाती हूं।। 😌😌😌😌😌😌 कब चाहा कि ऐसा ही हो... #कबचाहा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ankitaguptapoetry