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कहने को सब कुछ भूला सा जाता है पर जहन से उसका चेहर

कहने को सब कुछ भूला सा जाता है
पर जहन से उसका चेहरा कहाँ जाता है

ढूंढती हैं उसको ये तरसती निगाहे
मानो वो सामने आ कर गुजर जाता है

वो शहर वो रास्ते वो गलियां अब भी वैसे ही हैं
उधर जाने का वो कोई अच्छा बहाना चाहता है

उसका साथ वो प्यार भरी बात एक खूबसूरत एहसास
तन्हाइयों में साथ देने आँखों से निकल आता है

ये जिंदगी का कारवां है चल रहा है जैसे तैसे
जो कभी हद से गुजरता है तो चेहरे पर आ जाता है

~आशीष त्रिपाठी

©Ashish Tripathi #lifrtruth
कहने को सब कुछ भूला सा जाता है
पर जहन से उसका चेहरा कहाँ जाता है

ढूंढती हैं उसको ये तरसती निगाहे
मानो वो सामने आ कर गुजर जाता है

वो शहर वो रास्ते वो गलियां अब भी वैसे ही हैं
उधर जाने का वो कोई अच्छा बहाना चाहता है

उसका साथ वो प्यार भरी बात एक खूबसूरत एहसास
तन्हाइयों में साथ देने आँखों से निकल आता है

ये जिंदगी का कारवां है चल रहा है जैसे तैसे
जो कभी हद से गुजरता है तो चेहरे पर आ जाता है

~आशीष त्रिपाठी

©Ashish Tripathi #lifrtruth