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जितना खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा. उतना ही ग़म

जितना खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा. 
 उतना ही ग़मों से नाता गहरा किया । 

जिसके जितना भी करीब जाना चाहा. 
 उससे उतनी ही दूर होता गया । 

जिसको जितना भी अपना बनाना चाहा. 
उसको उतना ही पराया बना लिया । 

जिस बात को जितना भी भुलाना चाहा. 
उस बात को उतना ही याद किया । 

जितना किसी को हँसाना चाहा.
उसको उतना ही रुला दिया । 

जितना भी किसी की नज़रों में उठना चाहा .
उतना ही खुद को गिरा लिया । 

जब जब खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा .
तब तब ग़मों से नाता गहरा हुआ ।। दास्तां ए इश्क़
जितना खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा. 
 उतना ही ग़मों से नाता गहरा किया । 

जिसके जितना भी करीब जाना चाहा. 
 उससे उतनी ही दूर होता गया । 

जिसको जितना भी अपना बनाना चाहा. 
उसको उतना ही पराया बना लिया । 

जिस बात को जितना भी भुलाना चाहा. 
उस बात को उतना ही याद किया । 

जितना किसी को हँसाना चाहा.
उसको उतना ही रुला दिया । 

जितना भी किसी की नज़रों में उठना चाहा .
उतना ही खुद को गिरा लिया । 

जब जब खुशियों से रिश्ता जोड़ना चाहा .
तब तब ग़मों से नाता गहरा हुआ ।। दास्तां ए इश्क़
jaydubey0584

Jay Dubey

New Creator