भीनी-२ गुलाबी सुबह की खुशबू है, और पक्षियों के झुण्ड ने पकड़ ली है अपनी वे, दिन है सुहाना और शाम है रुपहली, ऐसा है मेरा सुनहरा मनमोहक गुलाबी डे | १. उत्सव का है माहौल, खूब मची है धूम, पटाखों और लड़ियों की, जगमग भी है खूब, पूरा परिवार आज है साथ-२ एक बार फिर, ज़रा गिन कर देखो कितने हो गए जने, दिन है सुहाना और शाम है रुपहली, ऐसा है मेरा सुनहरा मनमोहक गुलाबी डे | २. आई है अब होली और ढोल नगाडे बज रहे हर ओर, दृश्य देख मन हो गया बाँवरा और नाचे बन मोर, रंगों की है मेला और पिचकारी की है मार, सभी को रंग दो जी भर के चाहे रूठे चाहे मने, दिन है सुहाना और शाम है रुपहली, ऐसा है मेरा सुनहरा मनमोहक गुलाबी डे | ३. आओ अब एक मानवता का भी मेला लगाएँ, मन से मन जोडें और सबको मीत बनाएँ, दिलवाले सब दिल से गाएं चाहे छोटा या बड़ा हो, प्यार के त्योहार की खुशबू में हर कोई सने, दिन है सुहाना और शाम है रुपहली, ऐसा है मेरा सुनहरा मनमोहक गुलाबी डे | ©Kusumakar Pant गुलाबी डे #lovetaj #poetryunplugged #hindipoetry #HindiPoem #kusumakarkavya #vichar #ValentinesDay