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अपना-पराया सब डिफाइन कर देता है। बुरा वक्त,भीड़ में

अपना-पराया सब डिफाइन कर देता है।
बुरा वक्त,भीड़ में क्वारन्टाइन कर देता है।

कुछ हो जाते है मजनू,कुछ फरहाद होते है।
किसी-किसी को तो ये आइंस्टाइन कर देता है।

कोई अंधेरे या कोई गर्त में गुम हो जाता है।
तो किसी को ये गोल्ड-माइन कर देता है।

तुम किस लिए परेशान हो ये पल गुज़र जाएगा।
ये समय है,अंतिम दौर में सबकुछ फ़ाईन कर देता है।

दुनियादारी,दीन-धरम,अच्छाई-नेकी,सब बातें है।
ये तजुर्बा हर तजुरबे को एल्केलाइन कर देता है। अपना-पराया सब डिफाइन कर देता है।
बुरा वक्त,भीड़ में क्वारन्टाइन कर देता है।

कुछ हो जाते है मजनू,कुछ फरहाद होते है।
किसी-किसी को तो ये आइंस्टाइन कर देता है।

कोई अंधेरे या कोई गर्त में गुम हो जाता है।
तो किसी को ये गोल्ड-माइन कर देता है।
अपना-पराया सब डिफाइन कर देता है।
बुरा वक्त,भीड़ में क्वारन्टाइन कर देता है।

कुछ हो जाते है मजनू,कुछ फरहाद होते है।
किसी-किसी को तो ये आइंस्टाइन कर देता है।

कोई अंधेरे या कोई गर्त में गुम हो जाता है।
तो किसी को ये गोल्ड-माइन कर देता है।

तुम किस लिए परेशान हो ये पल गुज़र जाएगा।
ये समय है,अंतिम दौर में सबकुछ फ़ाईन कर देता है।

दुनियादारी,दीन-धरम,अच्छाई-नेकी,सब बातें है।
ये तजुर्बा हर तजुरबे को एल्केलाइन कर देता है। अपना-पराया सब डिफाइन कर देता है।
बुरा वक्त,भीड़ में क्वारन्टाइन कर देता है।

कुछ हो जाते है मजनू,कुछ फरहाद होते है।
किसी-किसी को तो ये आइंस्टाइन कर देता है।

कोई अंधेरे या कोई गर्त में गुम हो जाता है।
तो किसी को ये गोल्ड-माइन कर देता है।