Part-3 *शुरू करने से पहले एक बात बता दू की ये है सरकारी बस लेकिन सरकार इसे नहीं चलाती। कृपया आप सब याद रखे, इस बस में जो कुछ भी हुआ, और जो कुछ होनेवाला है इससे सरकार का कोई लेन देन नहीं है। (इस कहानी के सभी पात्र वास्तविक हैं( एक विधायक के सिवा जिन्होंने totally pagal ke dimaage se direct पार्ट 2 में एंट्री की है) कहानी पूरी की पूरी काल्पनिक हैं कमलेश भाईसा का लिखा सरकारी बस part-1, Totally pagal...🤓 का लिखा part-2 पढ़ लिजिये🙏🙏) Part-2 में विधायक महोदय बस में प्रविष्ट होकर देखते है की बस हर तरह के नमूनों से खचाखच भरी हैं ..... उनके दिमाग में एक संदेह पैदा होता है कही यह बस पागलखाने की तरफ तो नहीं जा रही। लेकिन उन्हें तो किसी भी तरह समारोह के लिए शहर पहुंचना था। वे 🤯उनकी सीट पर लेटा गधे को देखकर चौंक जाते है। ड्राइवर और कंडक्टर हिचकिचाते रहते है कि विधायक जी को क्या जवाब दे, इतने में बुद्धिशाली, चतुर, चालाक कमलेश भैय्या जन हित के लिए सारा भोज अपने कंधों पे उटाकर विधायक जी के कान में कुछ कहते है और अपने सीट में जाकर बैठ जाते है।