अलविदा.....siddarth सफर ए मंजर कब रुक जाए पता नही मौत ए मंजर कब बन जाए पता नही रास्ते कब धोखा देदे पता नही वक्त कब साथ छोड़ दे पता नही सफलता और सफलता की चिंता तो कही मौत के सफर की चिंता सफर ए अहंकार ,इंतजार ए अन्त कुछ पल में कुछ ख्याल में कुछ किरदार में कुछ सवाल में कुछ लब्जो के इस्तकबाल में मत कर अहंकार मत कर चिंता मौत ए सफर यूँही मुकमल हो जाएगा बस रख ख्याल अपने ईमान का अपने कर्म की कर्मठता का ©Mohit Dadhich #Darknight #sidarth shukla