" रोटी " उनकी नाज़ुक हाँथों की थपकी से बनी रोटी भी मुझे इस दुनिया में सबसे अजीज़ हैं मग़र फिर भी.... मग़र फिर भी मैं इसलिए भी फ़रमाइश नहीं करता कि कहीं उनकी उँगलियाँ तवे से जल न जाये मैं ख़ुद बनाकर खिला लेता हूँ बड़े प्यार से उसे मुझे पता है माँ, तू हँसती हैं मेरे बेडौल 'रोटी' देखके मेरी हाँथों की रोटियां जो आपके जितनी गोल नहीं बनती बनती है तो किसी देश का नक्शा तब समझ पता हूँ कि माँ दुनिया क्यों होती है 🌺क्योंकि माँ, रोटी की तरह पूरी गोल.. भूगोल भी बनाती है हमारे जीवन की 💕😊 🌺 और हम एक छोटा सा नक्शा...☺️ 🌺 उसनें मुझे भी गोल बनाया है 🥰🥰, परन्तु माँ तो माँ होती है, चाहे उनकी हाँथो से बनी रोटी और बेलन कितनी भी खा ले,, तब भी हमसे भूगोल नहीं बनने वाले "निशा "😁😁... ऐसी मेरी माँ कहती है 😋😋💝💕😎😎 🌺🌺 अच्छा कैसा रहा ये, थिसिस 😊, i hope you're enjoyed this 😊👍👍🌺🌺