चित्रकार मै पतझड़ की, आकृतियाँ सब पत्रविहीन है, सूखे तृण सी आशाओ मे, कल्पित कितने ही बसतं है, लौट आये तरू मे नव जीवन, हरे स्वपन का अभिनन्दन है, पतझड़ बस एक अर्ध्द विराम है, इसके आगे भी जीवन है.. #NojotoQuote #nojotohindi #nojoto #arpitamishra #पतझड #बसतं