बारिश आज फिर अचानक हुई ख्याल तुम्हारा ताजा आज फिर से हुआ है। भीगा तो आज भी मैं जी भर के था पर आंखें भी भीगी हैं आज इत्मीनान से मेरी बूंदों से इश्क तो तुम्हीं ने करना सिखाया था अब इन्हीं बूंदों के साथ जिक्र तुम्हारा होता है। तुम्हारे बिना नफरत नहीं मुझे इस बारिश से, प्यार है शहर की इन्हीं बोछारों में हर बूंद बूंद तेरा अहसास है। #अजेय# #बारिश_बूंद_बूंद_तेरा_अहसास✨🌹❣️ चिन्तन Roy Megha.....♥♥ sabdawali ♣️🐾🐾🐾♣️ शब्दावली