कभी आँसू नहीं दिखते कभी ना आह होती है हमारी कुछ सफलता पर भले ना वाह होती है पिता सब कुछ छुपाते हैं मगर होते बड़े नाज़ुक शजर को भी तो पत्तों की सदा परवाह होती है #शशांक की कलम से #father's Day