तू ना किसी का कठपुतली हैं, यूं तेरा रुकना ही पनौती हैं। बढ़ चलों तुम वीर बन कर, हर क़दम एक नई चुनौती हैं। ना कर फिकर अब किसी की, बस थाम लो तुम कर्म की डोरी। जो होगा वो सबसे बेहतर होगा, यें उम्मीद जगा लोंग तुम प्यारी।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-38 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 4-6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥38:- हर कदम एक नई चुनौती