इमां मुजे रोके है जो खिंचे है मुजे कुफ्र काबा मेरे पीछे है कलीसा मेरे आगे । -ग़ालिब काबा - नमाज़ की दिशा कलीसा - गिरजाघर कसौटियां तो मज़हब में होती रहेगी ए "ग़ालिब" उसे छोड़ देना तेरी बेअदबी होगी । नीरव राजानी "शाद" मेरे गुरु जनाब मिर्ज़ा ग़ालिब की शान में मैने गुस्ताखी की ।