हकीकत में मिलने की गुजारिश की थी जिनसे, वो मिल तो गए मगर ख्वाब में थे। बस इक मुस्कान पर जहां निसार देते जिनकी, वो मुस्कुराए तो मगर नकाब में थे। बेहिसाब खर्च किया वक्त मिलने को जिनसे, मुलाकात के हर लम्हे उनके हिसाब में थे। हमारे इश्क का अंदाज ही अलहदा है, हार गए सब आशिक जो रुआब में थे। #मेरा_इश्क