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बसरता आसमान हो लखनऊ की इक़ शाम हो, संग तेरा पाकर बे

बसरता आसमान हो लखनऊ की इक़ शाम हो,
संग तेरा पाकर बेकस दिल को मेरे इत्मीनान हो।— % & ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
बसरता आसमान हो लखनऊ की इक़ शाम हो,
संग तेरा पाकर बेकस दिल को मेरे इत्मीनान हो।— % & ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

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nazarbiswas3269

Nazar Biswas

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