किस ग़लती का सज़ा सुनाई तुमने ग़लती तो बता देते, यूं बात करना छोड़ा क्यों, कुछ तो रज़ा देते एक दिन भी नहीं गुजरती तेरे बीना तेरे यादों का सिलसिला आ ही जाती कभी होठों पर मुस्कान तो आंखों में आसूं लेकर ऐसा तो नहीं की तुम, मेरे आंखों में आंसू ही देखना चाहते थे आंसू भी सूख गई है अब तो बहते बहते लोग कह रहे हैं नहीं बच पाएगी ये लग रहा है ये धड़कन भी दगा दे गई धड़कते धड़कते एक अर्जी सुन लो मेरी ज़िन्दा में ना सही तो मर जाऊं अगर आना एक फुल लेकर चढ़ा देने मेरे कब्र पर और हां ग़लती का सच बता देना ©Anku Sharma #जिंदगी_एक_पहेली #Marriage