दरीचा-ए-दिल सजा रखा है इक तेरे वास्ते, निहाँ कहाँ तू ये शज़र ये अब्र भी तुझे ढूँढे है।— % & ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। ♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।