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दरीचा-ए-दिल सजा रखा है इक तेरे वास्ते, निहाँ कहाँ

दरीचा-ए-दिल सजा रखा है इक तेरे वास्ते,
निहाँ कहाँ तू ये शज़र ये अब्र भी तुझे ढूँढे है।— % & ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
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nazarbiswas3269

Nazar Biswas

New Creator