"वो बारिश का मौसम वो हम दोनों का संग," वो बारिश का मौसम, वो हम दोनो का सँग। वो तेरा बारिशो मे भीगना, वो गाढा इश्क का रँग। वो मेरा तुझे बाहो मे भरना, और तेरा मुझसे वो लिपटने का ढँग। तेरी आहो का मेरी साँसों से टकराना। और मेरी आँखों मे देखकर , तेरा वो आँखों का झुकाना। क्या तुझे याद हे तु कैसे पिघल जाती थी मुझमे सिमट कर। आज भी वो तेरी आहटे , मुझे करती हे तँग। वो बारिश का मौसम, वो हम दोनो का सँग। - - रोहित बैरागी-