नफ़रत नफरत पे कोई कविता नहीं , कुछ विचार और एक कहानी एक दिन मैं रो रही थी और याद कर रही थी , किस किस ने मेरे साथ गलत किया और क्या क्या किया नफरत हो रही थी उन सब से अचानक सीसे में मुझे खुद का चेहरा दिखा १० मीनट सीसे में खुद को देख अपनी सारी गलती याद की उसके बाद मुझे खुद से ही नफरत होने लगी और उस दिन समझ आया गलती हर व्यक्ति से होती हैं बस एक बार खुद कि गलती याद करो दुसरे से नफरत करने के पहले खुद से नफरत होने लगेगी