चंद शीशे क्या दिखाये उनको खुदसे नज़र तक ना मिला पाये वो कहते थे तुम तुम ओर तुम फिर जुबा से होठ पर एक भी तुम ना रख पाये वो।। रागिनी अग्रवाल (raag@) तुम