#सुनिएगा असंख्य तारों सा प्रेम मेरा तुम संख्या की बातें करते हो मैं करती हूं बिन शर्तों के प्रेम तुमसे तुम हर बात पर शर्त रखते हो! कितना लुटाना है प्रेम मुझ पर? कितना सुकून चाहिए? और कितना समझना है तुम्हें? और कितना प्रेम मुझको चाहिए? गणित विषय में तुम कुछ ज्यादा समझदार लगते हो हिसाब किताब व्यापार में किया जाता है , तुम तो प्रेम मे हिसाब रखते हो! मुझे नहीं आता प्रेम में हिसाब लगाने मुझे नहीं आता प्रेम में मोल लगाने मुझे नहीं आती प्रेम में गिनतियां जोड़ और घटाने........ मैं तुम्हें बिन शर्तों के प्रेम करती हूं, तुम प्रेम में लगाते हो दिमाग मैं तो दिमाग मे भी दिल रखती हूं.... मैं तुम्हें इन तारों साअसंख्य प्रेम करती हूं!!!!!!! #स्नेहा #बिन शर्तों के प्रेम