वो कहते हैं, मैं कर दूं माफ़, फिर से साथ हो जाऊं, मुझे डर है, मैं संभला हूं, ना फिर बरबाद हो जाऊं ! ये माना चाहते हैं वो, मगर ये हो नहीं सकता, अयोध्या की जगह, मैं फिर से फैज़ाबाद हो जाऊं !! ©Amit Maurya #PerfectCity