(पापा) अपने खुशियों का बलिदान कर हमें खुशियां दिए जा रहा था, अपने सपनों को यूं जला कर हमारे लिए सपने संजोए जा रहा था, खुद कितना भी दिक्कत सह रहा हो फिर भी चेहरे पर एक शिकंजा नहीं दिखा रहा था एक ऐसा इंसान भी है इस मतलबी दुनियां में, जो हमें खुद से बेहतर देखना चाह रहा था, कंधा भी थक गया था भार ढो कर ज़िम्मेदारियों के फिर भी चेहरे पर मुस्कुराहट रख वो हंसे जा रहा था, ना जाने किस मिट्टी से बनाया भगवान ने इतनी खूबियां एक ही इंसान में छुपाया भगवान ने, - प्रियांशी सिंह best person of life #love #hero #role_model