यूं ना सखा तुम मेरे साथ हसीं ठिठोली कर, हूं आज असहाय मैं, ऐसी ना गुस्ताख़ी कर। गलतियों का हों गया एहसास मुझे मेरे कान्हा, अब ना ऐसा करूंगी, आज मुझको माफ़ कर।। कौन कहता हैं की, यहां पर कोई नहीं हैं प्रिय, आत्मा की निगाहों से देखो, पूरी प्रकृति हैं प्रिय। फ़िर यूं ना करना कभी, ऐसे नग्न स्नान गोपियों, कण कण में देवता का वास हैं, यें मान जाओ प्रिय।। To aaj samvaad likhna h shri krishna or gopiyon k beech.. Mandatory hashtag- #gopiyan_krishna #krishna #krishnalove #competitionsbymanavi #yqdidi #yqba No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...