विष्णु के ये छठे अवतार, है ये परशुराम की कथा। उदय दुलारी नेह बताएगी, आप सबको विस्तृत गाथा।। मां रेणुका के ये पंचम पुत्र, पिता इनके जमदग्नि हुए। दादी के वरदान से ही, ब्राम्हण पुत्र से ये क्षत्रिय हुए।। पितामह इनके भृगु हुए, है ये विष्णु के अंशावतारी राम। राम था नाम, पर परशु रखने के कारण कहलाए परशुराम।। पितृ भक्त ये, पितृ की आज्ञा पाकर मा का शीश काटा। शौर्य प्रताप के कारण, पितृ से मात भाई का जीवन मांगा।। कात्रवीर्य वीर अर्जुन, जब परशुराम के पिता का वध किया। देख मा का करुण विलाप, क्षत्रियों के समूल विनाश का प्रण किया।। युद्ध में अर्जुन का वध करके, इक्कीस बार क्षत्रियों का किया संहार। समंत पंचक क्षेत्र में रक्त से पांच सरोवर भरे, फ़िर किया पितृ का संस्कार।। द्रोण, कर्ण, भीष्म के गुरु बन, किया इन्होंने विद्या का दान। नारियों का भी सम्मान करने वाले, परशुराम थे बड़े महान।। क्रोध में ना इनके समता कोई, कर्ण को भी था इन्होंने श्राप दिया। अपने ही अंशा रूपी, भगवान राम लखन पर भी रोष किया।। महर्षि ऋचिक के कहने पर, संहार की कृत्य का त्याग किया। ब्राह्मणों को धरा दान कर, चल दिए महेंद्र पर्वत पर, जहां जीवन भर तप किया।। #9avatarofvishnu #parashuramavatar #openforcollab #yqbaba #yqdidi #yqquotes #myquote Topic: Parashuram Avatar Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...