आगाज़ तॊ होता है अंजाम नहीं होता जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता जब ज़ुल्फ़ की कालिख़ में घुल जाए कोई राही बदनाम सही लेकिन गुमनाम नहीं होता हंस हंस के जवां दिल के हम क्यों न चुनें टुकड़े हर शख़्स की क़िस्मत में ईनाम नहीं होता बहते हुए आंसू ने आंखों से कहा थम कर जो मय से पिघल जाए वो जाम नहीं होता दिन डूबे हैं या डूबे बारात लिये क़श्ती साहिल पे मगर कोई कोहराम नहीं होता l - Meena kumari #Alltimefavourite