छुट्टियों का मौसम है ख़ास, जिसमें सब संग गुजारते है, बच्चों के संग सभी बड़े बूढ़े, एक साथ होकर बिताते है। दादा दादी या नानी नानी, बुआ फूफा मौसा और मौसी, छुट्टियों में ही हम इनके साथ, अपना रिश्ता निभाते है।। साहित्य कक्ष 2.0 प्रतियोगिता संख्या 09/S2 आप सभी का स्वागत 💐 है अनुशीर्षक में ✍️चार(4) पंक्ति में (शायरी/मुक्तक) लिखें 🅽🅾🆃🅴 - अगर कोई रचनाकार नियमों और शर्तों को ध्यान में रखकर Collab नहीं करता है। तो उसकी रचना को हम प्रतियोगिता में सम्मिलित करने में असमर्थ रहेंगे।