तुम बिन कुछ नहीं सजना, के सूना मेरा संसार है, जीने की इक वजह तुम ही, तू ही मेरा घर बार है। मेरे दिल के कोने कोने में इक तू ही जगमगता है, क्या खुशियाँ मनाऊँ मैं? मेरा हर दिन ही त्यौहार है। बन के बदरा खुशियों की तू मुझपे छाया रहता है, अंधियारे में भटके मेरे हिस्से का तू ही तलबगार है। तेरे प्यार से महक महक मैं फूलों का गुलदस्ता हुई, पहला नहीं तो क्या हुआ तू आख़िरी मेरा प्यार है। तेरे रंग का जग मोहे लागे, बहुत बुरा मेरा हाल है, बहूँ हवा सी सनन सनन दिल पे न कोई इख़्तियार है। तू ही मन्नत तू ही जन्नत, तेरी ही धुन सर सवार है, कर दूँ हल्ला जग सारे में के मुझको तुझसे प्यार है। ♥️ Challenge-747 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।