तेरे रुख़सार पर वे अनगिनत बोसे 'अनाम' और उन पर गेसुओं की बंदिशों का आना। हुस्न की चाँदनी में खोया हुआ था मैं जब, तेरे लबों की ख़ामोशी थी इश्क़-ए-फ़साना। #shamaurtanhai #218 #anam #365days365quotes #ishq #rukhsar #gesu #pyar