न बुझा तू बत्तियां, न जला तू मोमबत्तियां झांक अपने अंदर एक बार, देख कहाँ हैं गलतियां... कहाँ गए चीर बढ़ाने वाले भगवान्, कहाँ गए अस्मत बचाने वाले कृष्ण महान रोज रोज होते चीर हरण से,