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Saurav Das
कोशिशें मेरी शाखो के पत्ते नहीं जो झर जाएगा! दिन गुजारी है हमने बड़ी मशक्कत में! यों ही कोई बरबाद थोड़े ही कर पाएगा!! ©Saurav Das #कोशिश #मशक्कत
Anuradha Sharma
सोचा न था , जीने के लिए । सांसे हैं जितनी , मशक्कत उतनी करनी पड़ेगी । ©Anuradha Sharma #मशक्कत #life #thoughts #stuggle #urdu #shayri #oneliner #yqquotes #Bird #Nojoto
~Amit
खुल सकती थी गाँठे थोड़ी मशक्कत से, पर लोग कैचियाँ चला कर सारा किस्सा ही बदल देते हैं।। जिस धागे की गाँठ खुल सकती हो, उस पर कभी कैची मत चलाना... #Light #amitkr #rishte #धागे #गाँठ #कैंची #khatam #Nojoto #nojotoshayari #मशक्कत
#CTK -Funny 0r Die
सरकारी व्यवस्थाओं में संवेदनहीनता की ऐसी तस्वीर सामने आई है जो मानवता को शर्मसार करने वाली है। बुधवार को एक पिता अपने मासूम बेटे की लाश को कंधे पर लेकर अस्पताल (#Hospital) में सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट (#Death #Certificate) के लिए दौड़ता रहा। आंखों में आंसू और कंधे पर बेटे की लाश का बोझ देखकर भी संवेदनहीन व्यवस्था का कलेजा नहीं पिघला। घंटों मशक्कत के बाद कहीं जाकर पिता को जिला अस्पताल से मृत्यु प्रमाण पत्र मिल सका। एक लाचार पिता की ये तस्वीर जिसमें उसने बेटे के शव को कंधे पर रखा हुआ है। दरअसल, थाना क
सरकारी व्यवस्थाओं में संवेदनहीनता की ऐसी तस्वीर सामने आई है जो मानवता को शर्मसार करने वाली है। बुधवार को एक पिता अपने मासूम बेटे की लाश को कंधे पर लेकर अस्पताल (#Hospital) में सिर्फ डेथ सर्टिफिकेट (#Death #Certificate) के लिए दौड़ता रहा। आंखों में आंसू और कंधे पर बेटे की लाश का बोझ देखकर भी संवेदनहीन व्यवस्था का कलेजा नहीं पिघला। घंटों मशक्कत के बाद कहीं जाकर पिता को जिला अस्पताल से मृत्यु प्रमाण पत्र मिल सका। एक लाचार पिता की ये तस्वीर जिसमें उसने बेटे के शव को कंधे पर रखा हुआ है। दरअसल, थाना क
read moreModern Danoda
"मशक़्क़त" मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ले जा कर स्थापित करो। आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा दुनियां के लोग नहीं बनेंगे। आपकी दुर्बल भावनाएं आपकी दौड़ का दायरा घटा देगी। सारी दुनियां आपको हारा हुआ मान ले लेकिन आपका मंतव्य ऐसा नहीं है तो जल्दी ही दुनियां को आपके प्रति बनाई धारणा बदलनी पड़ेगी। बेशक बड़े इरादों के लिए चुनाैतियाँ भी बड़ी ही होगी। हर व्यक्ति के लिए सफलता की अपनी स्वयं की परिभाषा है। आपकी परिभाषा दूसरे से अक्षरश: कभी नहीं मिलेगी। आपके भीतर सफलता की भूख की तीव्रता भी अलग स्तर की होगी। मेहनत और मशक्कत में अंतर है। बड़ी कामयाबियों के लिए आपके अरमान भरे दिल की धड़कनों में अगर कोई ऊँची उड़ान भरने का सपना है तो दुनियादारी की तानेबाजी और उनकी नावाकिफ़ियत को भूलकर अपनी मशक्कत में कोई कमी मत रखो। अच्छे परिणामों का आना तय है। https://www.youtube.com/channel/UCGUmUrtQwiytQ2dt98M_4mg
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read moreModern Danoda
"मशक़्क़त" मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ले जा कर स्थापित करो। आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ा रोड़ा दुनियां के लोग नहीं बनेंगे। आपकी दुर्बल भावनाएं आपकी दौड़ का दायरा घटा देगी। सारी दुनियां आपको हारा हुआ मान ले लेकिन आपका मंतव्य ऐसा नहीं है तो जल्दी ही दुनियां को आपके प्रति बनाई धारणा बदलनी पड़ेगी। बेशक बड़े इरादों के लिए चुनाैतियाँ भी बड़ी ही होगी। हर व्यक्ति के लिए सफलता की अपनी स्वयं की परिभाषा है। आपकी परिभाषा दूसरे से अक्षरश: कभी नहीं मिलेगी। आपके भीतर सफलता की भूख की तीव्रता भी अलग स्तर की होगी। मेहनत और मशक्कत में अंतर है। बड़ी कामयाबियों के लिए आपके अरमान भरे दिल की धड़कनों में अगर कोई ऊँची उड़ान भरने का सपना है तो दुनियादारी की तानेबाजी और उनकी नावाकिफ़ियत को भूलकर अपनी मशक्कत में कोई कमी मत रखो। अच्छे परिणामों का आना तय है। "मशक़्क़त" मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ले जा कर स्थापित करो। आपकी सफलता की राह
"मशक़्क़त" मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ले जा कर स्थापित करो। आपकी सफलता की राह
read moreLifeGyan MS
जीवन का क्या मकसद ? जीवन की सलाह ?  मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ल
जीवन का क्या मकसद ? जीवन की सलाह ?  मेहनत भी पूरी मशक्कत से हो तो फल मिलता है। हम हमारे थकने तक के सफर को हमारी मेहनत की पराकाष्ठा मान लेते है। इसी धरती पर सौ मीटर दौड़ कर हाँफने वाले भी मिल जायेंगे और पचास किलोमीटर की मैराथन रेस दौड़कर भी चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखने वाले भी मिल जायेंगे। जायेंगे। हमारी कल्पनाओं ने जितनी जमीन मापी है हमारा सफर उससे एक इंच आगे नहीं जाना है। उसके आगे ताकत होते हुए भी हम स्वयं को थका हुआ पायेंगे। अपनी दृढ़ता, मेहनत, लगन और प्रतिबद्धता को आम भीड़ से अलग स्तर पर ल
read moreMo Rizwan Mansuri
अब जितने काम मुश्क़िल नज़र आते है उतने ही मुश्क़िल से वो दोस्त नज़र आते है, बड़ी मशक्कत से कश्ती किनारे पर आती है, उतनी मशक्कत से अब दोस्त घर आते है यह बारिश यह सर्दिया अपने वक्त के हिसाब से हे आते यह दोस्त ही हे जो बिना काम बिना पैग़ाम के आजाते हे सभी का मर्तबा हे यू तो बड़ा ही अफ़ज़ल, पर कम्भख्त वो पुराने दोस्त बहुत याद आते है ।। -मो.रिज़वान मंसूरी
no writings
रेत की मशक्कत (भाग 1) वैसे तो पानी में इतनी ताकत होती है कि रेत के साथ साथ खुशियों को भी बहा ले जाती है | पर पानी की एक खासियत भी है कि दुख को भी बहाना | समुद्र की लहरों को ताकता हुआ एक लड़का हितेश बार बार बड़ी मशक्कत से रेत का घर बनाता है | साथ ही उसका दोस्त आरव भी रेत का घर बनाता है | दोनो मे होड़ मचती है कि किसका घर ज़्यादा शानदार दिखेगा | हितेश को उसके दोस्त आरव के घर के समानांतर ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है | और बार बार पानी की लहरें उसे बहा ले जाती हैं | पानी अपनी भी मेहनत से घर उजाड़ रहा होता है | पर हितेश हार नहीं मानता | वह बार बार घर बनाने में लगा रहता है | hittika #NojotoQuote