Find the Best है॥ Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutक्या हो रहा है, तू मेरी जिंदगी है, तू मेरी मोहब्बत है, क्या यही प्यार है, हम साथ साथ है,
@न्शिका
Bitter Truth किसके काटे का बताएं कि असर कैसा है। कोई कैसा है ज़हर, कोई ज़हर कैसा है॥ अपनी-अपनी है शाम, अपनी-अपनी सहर। कोई जाने ना किसी को, ये शहर कैसा है॥ बस गये कुछ नये अमीर इस बस्ती में। दीन ईमान नही इनका मगर पैसा है॥ शोर गुल, भीड़ - भाड़ और धुँआ भी कितना। साँस लेता हुआ इनमें ये शजर कैसा है तेज रफ्तार बनी है ये जिन्दगी कितनी। हर तरफ जाम लगा है, ये सफर कैसा है॥ हो गई कार भी बेकार जाम में निर्झर। उतर कर भाग रहा है वो बशर कैसा है॥ #nojotoquotes #nojotomood #nojotourdulafz #kaisahai
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read moreAjay Kumar(ajju)
चलती है तो हिरनी -सी , नागिन -सी उसकी चोटीं है॥ मुस्कुराना मे भी उसकी एक अदा है यारों, उसकी मुस्कान मैं ही तो मेरी जाँ बसती है॥ love you so much my crush..... @ajaykumarplk 143
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read moreतेजस
Mumbai Rains आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है, रुत बदला है कुछ तो बात हुई है। बादल भी थे कुछ बिजलियाँ भी थी, फुहारों और आँधियों के साथ हुई है। आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है॥ चंद क़तरे खिड़की में आये मेरे भी, बँद मुठ्ठी में कुछ बूँद समाये मेरे भी। तड़प तड़प के बादल बरसे थे, भीगने की फ़िर भी कहाँ बात हुई है। आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है॥ अँधेरी रातों में भी ये तारे जगे हैं, कुछ यादें संजोने में सारे लगे हैं। दो पल को रोशन हुए अरसे बाद, जब बिजलियों से जगमग रात हुई है। आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है॥ आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है, रुत बदला है कुछ तो बात हुई है। बादल भी थे कुछ बिजलियाँ भी थी, फुहारों और आँधियों के साथ हुई है। आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है॥ चंद क़तरे खिड़की में आये मेरे भी, बँद मुठ्ठी में कुछ बूँद समाये मेरे भी।
आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है, रुत बदला है कुछ तो बात हुई है। बादल भी थे कुछ बिजलियाँ भी थी, फुहारों और आँधियों के साथ हुई है। आज हमारे भी शहर में बरसात हुई है॥ चंद क़तरे खिड़की में आये मेरे भी, बँद मुठ्ठी में कुछ बूँद समाये मेरे भी।
read moreविकास जोधपुरी
यह संसार कागद की पुडि़या, बूँद पड़े घुल जाना है॥ यह संसार काँटे की बाड़ी, उलझ-पुलझ मरि जाना है॥ यह संसार झाड़ और झाँखर, आग लगे बरि जाना है॥ कहत कबीर सुनो भाई साधो, सतगुरु नाम ठिकाना है॥
ADARSH SAHU
इस दहेज ने ही फैलाया भारी अत्याचार है इस दानव को मार भगाओ यह समाज का आभार है जन्म पुत्र के होते घर में खूब बधाई बजती है लेकिन कन्या उसी घर में एक समस्या लगती है कैसे हाथ करेंगे पीले यदि आभाव घर में धन का घर वर दोनों ठीक चाहिए प्रश्न समूचे जीवन का बात गुणों की है ना कहीं भी पैसे का भरमार है सुसंस्कृत और सुशील सुपुत्री रूप गुणों की उजियारी धन अभाव में देखो कैसे घर में बैठी है क्वारी इस दहेज की चिंता ने देखो लिए है कितने प्राण यहां एक तरफ शादी का बंधन एक तरफ ईमान खड़ा इसके कारण कितनी बेटियों का होता बलिदान है नारी का क्या मूल्य न कोई क्या वह पशु से दीन हुई नर की तुलना में बोलो क्यों? है वह इतना हीन हुई लड़के वाला लेन देन कितनी अकड़ दिखाता है सब कुछ देने वाला ही यहां नजरें अपनी झुकाता है यह पुनीत सम्बंध नहीं है निंदनीय अपराध है इस कुरीति ने ही समाज की व्यवस्था सारी बिगड़ाई घूस मिलावट चोर बाजारी और बेईमानी है आई ओ समाज के ठेकेदारों कुंभकर्ण बन सोते हो अत्याचार से आंख फेर कर बीज पाप के बोते हो धन को ही अब धर्म बनाकर रक्षित किया समाज है इस दहेज ने ही फैलाया भारी अत्याचार है॥ इस दानव को मार भगाओ यह समाज का आभार है। जन्म पुत्र के होते घर में खूब बधाई बजती है। लेकिन कन्या उसी घर में एक समस्या लगती है॥ कैसे हाथ करेंगे पीले यदि आभाव घर में धन का। घर वर दोनों ठीक चाहिए प्रश्न समूचे जीवन का॥ बात गुणों की है ना कहीं भी पैसे का भरमार है।
इस दहेज ने ही फैलाया भारी अत्याचार है॥ इस दानव को मार भगाओ यह समाज का आभार है। जन्म पुत्र के होते घर में खूब बधाई बजती है। लेकिन कन्या उसी घर में एक समस्या लगती है॥ कैसे हाथ करेंगे पीले यदि आभाव घर में धन का। घर वर दोनों ठीक चाहिए प्रश्न समूचे जीवन का॥ बात गुणों की है ना कहीं भी पैसे का भरमार है।
read moreYatin
सरहद पर खङे विरो को सलाम है, हमारी रक्षा करने वाले हीरो को सलाम है॥ हमे अनाज देने वाले किसानो को सलाम है, हमारे अन्नदाताऔ को सलाम है॥ हमारे देश के नेता तो ऐसे ही बदनाम है, कशमीर से 370 हटाने वाले, मोदी को भी सलाम है॥ #सलाम_है॥
ADARSH SAHU
चाहे जैसी हो परिस्थिति अब न घबराएंगे। मन में हौसला अब कि हर रण जीत जाएंगे॥ मैं कहना चाहूंगा उनसे जो हौसला छोड़ देते हैं। बीच राहों में खुद से जो रिश्ता तोड़ लेते हैं॥ ख़ुदा भी वफा नहीं करता ऐसे बेवफाओ से । जो बिना पेपर देखें उसकी परीक्षा छोड़ देते हैं॥ जिसके आज खोने से किसी का कल सवरता है। लड़ता है जो खुद से ही मिसाले उसकी होती हैं॥ जिया जो शानो शौकत से उसी की पूछ होती है। जीवन भी है इतराता तो मोत-ए फक्र होती है॥ ऐसा क्या दिया भगत सिंह और गांधी ने। कि रहते हैं सदा लोगों की जेहन में॥ किसी ने मिसालें दी जीवन की। तो किसी ने मौत ही दे दी॥ मरते हो यदि तुम तो मरो इन जैसे ही तुम भी। कि हो जब तलक दुनिया तब तक जियो तुम भी॥ ऐसे ही लोगों को दुनिया याद रखती है। हो जिंदादिली जिसमें उसी को साथ रखती है॥
Raj Yogesh Dlp Rajput
बुलन्दी देर तक किस के हिस्से मे रहती है। जादा ऊँची इमारत हर घडी खतरे मे रहती है॥ बहुत जी चहाता है हम निकल जाये । लेकिन तुमारी याद भी इसी मलवे मे रहती है॥ #NojotoQuote
ADARSH SAHU
"आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी" आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी। बिन जलाएं स्वयं जल रहा है आदमी॥ चाहु ओर घेरे निराशा पड़ी है। जीवन में आई ये कैसी घड़ी है? सभी को सभी सुख चुभ रहा है। कोई किसी का भी दिखता नहीं है।। हर तरफ दिल में है अब आगजनी़। आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी॥ मन में कहीं शांति टिकती नहीं है। भाव संवेदना आज दिखती नहीं है॥ सिसकती गली है कंपाता डगर है। न जाने! किसकी लगी ये नज़र है॥ कहीं दिखती नहीं प्रेम की कोठारी। आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी॥ अब समय है विकट गिरती यह लपट। कौन है इसको बुझाए है प्रश्न! यह सबसे विकट॥ सारी मानवता बिखरी जा रही जब। कोई दिखता नहीं जो संभाले इसे अब॥ प्रेम आनंद से भिगोये जो सारी जमीं। आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी॥ आओ सब मिल विचारे नया कुछ सवारे। मिटाये जलन अब अपने मन को बुहारें॥ करें प्रेम सबसे और सभी को सवारे। अपना यह जीवन जनहित में वारे॥ तभी मुस्कुराएगा ये शमां और खिल-खिलाएगी जमी। आदमी को स्वयं खल है रहा आदमी॥ बीन जलाए स्वयं जल रहा है आदमी॥ आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी
आदमी को स्वयं खल रहा है आदमी
read moreमेरेलफ़्जोंसे
#DearZindagi वक्त निकल जाता है ऐसे जैसे रेत हाथों से बह जाती है। कुछ मीठी कुछ तीखी यादें संग रह जाती है॥ हो कर रूबरू तनहाई से भी ये हँसा जाती है। मुस्कुराहट के दरमियाँ आंखे नम कर जाती है॥ -VAIBHAVRV #copyright #merelafzonse