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Ghumnam Gautam
न पेंच-ओ-ख़म कोई इसमें,कहूँ मैं सीधी-सच्ची बात― निभाया वायदा जिसने भी वो हर शख़्स टूटा है #प्रोमिस_डे #promiseday ©Ghumnam Gautam #happypromiseday #पेंच #सीधी #सच्ची #बात #वायदा
Sanoj
बड़ा ना-तवाँ निकला हमारा रिश्ता, पेच-ओ-ख़म में दम तोड़ दिया उसने। 💔💔 -Minion'sSky..🖋️ #ना-तवाँ-कमजोर,#पेंच-ओ-ख़म-बुरा वक़्त #dilkikalamse #minionlove #nojoto #antichildlabourday
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read moreMo k sh K an
आसमान के माथे को आज चूम कर आते है जुर्रत का मांझा लेकर सूरज से पेंच लड़ते हैं मुट्ठी में भार कर बदल आज निचोड़े पानी सहरा का उसर रंग दें रंगत रोगन धानी बुने छाँव की रेशम से ऐसी सहर सुहानी तपिश धारा की मिट जाए गुलपोश रहे ये बानी कदम कदम पर उम्मीदों की ऐसी पौध लगाते हैं आसमान के माथे को आज चूम कर आते लगा के गोते गलियों में चल ढूंढ हुनर के मोती ध्रुव तारों की किस्मत भी कब तक रहेगी सोती चल पलटे सारे पासे जुलमत की काटे गोटी कपड़ा तन की तासीर बदल दे, पेट बदल दे रोटी चरखे पर सौ सूत चढ़े हैं, आशिक किसने काते हैं आसमान के माथे को आज चूम कर आते आसमान के माथे को आज चूम कर आते है जुर्रत का मांझा लेकर सूरज से पेंच लड़ते हैं वो किरणों से लिखी इबारत 21.. सूरज से पेंच लड़ते हैं #kavishala #hindinama #tassavuf #skand #kiranTh #wokirnoselikhiibarat #wo_kirano_se_likhi_ibarat #वो_किरणों_से_लिखी_इबारत #सूरज_से_पेंच_लड़ते_हैं
वो किरणों से लिखी इबारत 21.. सूरज से पेंच लड़ते हैं #kavishala #hindinama #tassavuf #skand #kiranTh #wokirnoselikhiibarat #wo_kirano_se_likhi_ibarat #वो_किरणों_से_लिखी_इबारत #सूरज_से_पेंच_लड़ते_हैं
read morekhushboo subraj tiwari
राही की मधुशाला दांव-पेंच में घिरा हुआ है, कलयुग में सच्चा प्याला। दांव-पेंच में घिरकर कैसे, झूमे कोई मतवाला। दांव-पेंच में लगे हुए हैं, कुछ सौदागर हाला के। दांव-पेंच में घिरी हुई है, नये दौर में मधुशाला। #NojotoQuote
Rajesh Raana
सरसों फूली पिली पिली , गेहूं की बालियां सपनीली, पेंच दे रही ज़िन्दगी लेकिन , उड़ी अपनी पतंग रंगीली । (१) आओ मिलकर ख़ाब गिनाए, किसके ज्यादा किसके कम । उम्मीदों की डोरी से बंधकर, उड़े अपनी पतंग हरदम । (२) हैं ज़िन्दगी गर पथरीली , तो पत्थरचट्टा क्यों न उगाये । सबकी ख्वाहिश है फूलों की , हम तुम काँटो को रिझाये । (३) है धुंआ अगर ज़िन्दगी तो , इसको छल्लों में उड़ाए । है ज़िन्दगी अगर पतंग तो , सातवे आसमान पर उड़ाए । (४) जीवन सुखदुख भरी टोकरी , अपनी पसंद की खुशियां छाँटे । जिस तक न पहुँची है अब तक , उस तक त्योहारों के पल बांटे , आओ तिलगुड़ लड्ड़ू , गुझिया बांटे ।। (५) (आप सब स्नेहीजन को मकर संक्रांति , पोंगल , बिहू , लोहड़ी पर्व की हार्दीक हार्दीक शुभ कामनाएं ) मकर संक्रांति #सरसों फूली पिली पिली , #गेहूं की #बालियां #सपनीली, #पेंच दे रही #ज़िन्दगी लेकिन , #उड़ी अपनी #पतंग #रंगीली । (१) आओ मिलकर #ख़ाब गिनाए, किसके ज्यादा किसके कम ।
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