Find the Best चतुर Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutपंचतंत्र की कहानी चतुर खरगोश, चतुर की कहानी, चतुर की रियल लाइफ, बावजी चतुर सिंह, चतुर नार बड़ी होशियार,
Ek villain
अमेरिका वाकई बहुत ही चतुर और विशुद्ध रुप से व्यावसायिक दृष्टि से चलने वाला देश है जिसने अभी यूक्रेन और उसको अभी आपस में भिड़ आकर उनकी कमर तोड़ने की बड़ी चालाकी चल ही दी इससे आर्थिक रूप से इन देशों की बड़ी हानि हो रही है अन्य देश भी इसे लपेटे में आ रहे हैं इससे पूर्व में अफगानिस्तान से बिना किसी अपने नुकसान के पहले ही निकल भागा और काफी हथियार और गोला-बारूद भाग आगे की बर्बादी के लिए छोड़ आया वह निरंतर शुरू हो गया विश्व के देश में अपनी चाल से निरंतर कम रोज कमजोर होता राजा पाकिस्तान की कमर थपथपा रहा था तभी भारत की वर्ष 1991 में उसने अपने पड़ोसी देश से मिलकर एलाइड फोर्सेज के सारे इराक पर बर्बादी का कारण डाल दिया बड़े रूसी का बड़ा दुर्भाग्य भी गठन भी हुआ था मैं सदा अपनी चालाकी से दुनिया के देशों को शुरू से ही आपस में लड़ा कर कमजोर करने की तुलना में माहिर है ©Ek villain #चतुर अमेरिका #Nofear
Jyotshna 24
अपनी सफलता हर कोई बताता है मगर मुझे असफलता के बारे में, बताना मजेदार लगता है और ये सच है कि असफलता, सफलता से बहुत चतुर होता है । असफलता #चतुर#नोजोटो
G singh
एक नगर में एक सुंदर #राजकुमार रहता था। सभी लोग उसे प्यार और सम्मान करते थे, एक बहुत #गरीब आदमी था.... .। जो #राजकुमार को बिल्कुल नहीं चाहता था। वह उसके #खिलाफ जहर उगलता था। राजकुमार को यह बात पता था लेकिन वह #चुप था। उसने इस गहराई पर सोच #विचार किया। और ठिठुरती ठंड में #रात को उसके दरवाजे पर एक सेवक से एक बोरी #आटा, #साबुन और #शक्कर लेकर जा पहुंचा। उस सेवक ने #गरीब आदमी को यह सब #सामान देकर कहा, ये चीजें #राजकुमार ने भेजी है। वह गरीब आदमी बकबक करने लगा, उसने सोचा ये उपहार #राजकुमार ने उसे खुश करने के लिए भेजा है, इसी #अभिमान में वह #राजा के पास गया, और राजकुमार की करतुत बताते हुए कहा, देख रहे हो न, राजकुमार किस तरिके से... मेरा #दिल जितना चाहता है। राजा ने कहा, ओह राजकुमार कितना #चतुर है और तुम कितनी ओछी बुद्धि के आदमी हो। उसने #इशारे में तुमसे बात की.... .। #आटा तुम्हारे खाली पेट के लिए है..... . #साबुन तुम्हारे भीतर बैठे गन्दगी को साफ करने के लिए है..... . और #चीनी तुम्हारी कड़वी ज़बान में मिठास लाने के लिए है। उस दिन के बाद से वह गरीब आदमी अपने आप में #लज्जित रहने लगा। राजकुमार के बारे में.... उसकी #घृणा और बढ़ गयी, उससे भी अधिक घृणा उसे राजा से हो गयी। जिसने #राजकुमार की प्रशंसा उसके सामने की थी। इसीलिए ओछे इंसान का साथ छोड़ देना चाहिए, हर #अवस्था में उससे हानि ही होती है। जैसे, अंगार जब #गर्म रहता है हाथ जलाता है, और जब ठंडा रहता है तो हाथ #काला कर देता है🤷♀ #☝अनमोल ज्ञान #shore
Vandna Sood Topa
संत कबीर जी ने कहा था--- "कर ले श्रृंगार चतुर अलबेली साजन के घर जाना है,मिट्टी ओढावन,मिट्टी बिछावन,मिट्टी में मिल जाना है।। नहा ले धो ले,शीश गूंथा ले,फिर वहाँ से नहीं आना है,कर ले श्रृंगार चतुर अलबेली,साजन के घर जाना है।।" साजन, यहाँ मृत्यु को कहा गया है।कोई भी इंसान मृत्यु नहीं चाहता,पर मृत्यु आपके पीछे पीछे चलती है,ताउम्र। गीता में कहा गया है-- 'प्रयाणकाले मनसा चलेन'-- प्रयाणकाल में अचल मन से जाना चाहिए। हमारी कोई चीज़ अगर कहीं छूट जाये तो मन व्याकुल रहता है। तो ये शरीर छोड़ते समय हम कितने व्याक
संत कबीर जी ने कहा था--- "कर ले श्रृंगार चतुर अलबेली साजन के घर जाना है,मिट्टी ओढावन,मिट्टी बिछावन,मिट्टी में मिल जाना है।। नहा ले धो ले,शीश गूंथा ले,फिर वहाँ से नहीं आना है,कर ले श्रृंगार चतुर अलबेली,साजन के घर जाना है।।" साजन, यहाँ मृत्यु को कहा गया है।कोई भी इंसान मृत्यु नहीं चाहता,पर मृत्यु आपके पीछे पीछे चलती है,ताउम्र। गीता में कहा गया है-- 'प्रयाणकाले मनसा चलेन'-- प्रयाणकाल में अचल मन से जाना चाहिए। हमारी कोई चीज़ अगर कहीं छूट जाये तो मन व्याकुल रहता है। तो ये शरीर छोड़ते समय हम कितने व्याक
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 29 - चतुर चूड़ामणि कन्हाई परम सुकुमार है, सखाओं में दुर्बल है और भोला है, किन्तु चतुर चूड़ामणि है। इसे इतनी युक्तियाँ आती हैं कि कोई सोच भी नहीं सकता। कृष्ण को ना करना तो आता ही नहीं। कोई कह ही बैठे कि आकाश का वह तारा मिलेगा? तो भी कृष्ण बड़े मजे से हाँ कर देगा और ब्रह्मा भी नहीं जानते कि अपने छोटे से पटुके के छोर में उलझाकर तारे को खींच लेने की कोई युक्ति यह ब्रजराजकुमार निकाल लेगा अथवा नहीं। अब आज ही अर्जुन दौड़ा-दौड़ा हाफता घबडाया आया। दूर से ही पुकार की - 'कनूँ! कनूँ! अपना
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 5 - भोला 'कनूँ ! खूब मधुर, बहुत स्वादिष्ट पायस है।' भद्र अपने सम्मुख केशर पड़ा सुरभित पायस से परिपूर्ण पात्र लिये बैठा है। 'तू खायेगा?' 'खाऊँगा!' कोई स्नेह से बुलावे तो व्रजराजकुमार भोग लगाने न आ बैठे ऐसा नहीं हो सकता। अब श्यामसुन्दर भद्रके समीप आकर बैठ गया है। श्याम और भद्र दोनों बालक हैं। दोनों लगभग समान वय के हैं। इन्दीवर सुन्दर कन्हाई और गोधुम गौर भद्रसैन। दोनों की कटि में पीली कछनी है, किन्तु कृष्ण के कन्धे पर पीताम्बर पटुका है, भद्र का पटुका नीला है। दोनों के पैरों में
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