Find the Best संडे Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutमैं करती हूं प्यार संडे को, मंडे संडे की स्पेलिंग, संडे मंडे की स्पेलिंग, हफ्तों के नाम संडे मंडे, मिलेंगे सिर्फ संडे को,
Prishl07
कैसे करूं बयान उसकी दास्तां हर जख्म पर अपना वो नाम देती है एक इंसान पर कर उजाला हजारों को तबाह कर देती है इश्क में उसके सुशील पागल मत हो जाना हर शख्स को वो बदनाम कर देती है ©Sushil Patil Lyrics बदनाम आशिक #Pagal #Bola #आशिक #बेजुबान #बदनाम #तबाही #संडे #शायरी#गजल #Hopeless
Sarika Pal
काम के बोझ और जिम्मेंदारियों के तले वो पहले जैसे संडे वाला सुकूँ कहाँ मिलता है _sarika pal #संडे
Indwar Avinash
संडे संडे होने के कारण वर्षा आज स्कूल नहीं गयी थी। नन्ही वर्षा की उम्र यही कोई साढ़े चार साल रही होगी। अभी अभी तो उसने स्कूल जाना शुरू ही किया था, छुट्टी होने के कारण वो आज दिन भर उछलती- कूदती रही। वह संडे का मोल जानती थी, उसे पता था कि पूरे छः दिनो के बाद एक अकेला संडे आता है। वह भी यदि बिना खेले-कूदे निकल गया तो ऐसे संडे का क्या मतलब? इसलिए पड़ोस के बच्चों के साथ मौज- मस्ती में ही उसने शाम कर दी। आज दिन भर वर्षा काफी खुश रही। शाम को जब वर्षा की माँ खाना पका रही थी। वर्षा भी माँ के सामने जा बैठी, और दिन भर के खेलकुद की चर्चा , नन्हें कोमल मन की खुशी और संडे की मौज- मस्ती का बखान किये जा रही थी। माँ ने खाने को कहा, तो साथ में खाऊँगी” कहकर मना कर दिया। जब माँ ने कहा, मैं तेरे पापा के खाने के बाद खाऊँगी, मुझे देर होगी। वर्षा फिर कह उठी- मैं भी... मैं भी... मैं भी...। वर्षा को गुस्सा आ गया था, माँ मान गयी। खाना पक चुका था और दोनों माँ-बेटी खाट पर लेटी हुई थी। वर्षा के दिन भर का किस्सा खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। माँ बस चुप-चाप सुने जा रही थी। हाँ बीच-बीच में हूँ- हाँ जरूर कर देती थी, क्योंकि माँ कि चुप्पी से वर्षा को गुस्सा जो आ जा रहा था। बातों ही बातों में दोनों को कब नींद आ गयी पता ही नहीं चला। नींद तो तब खुली जब वर्षा के पापा ने ज़ोर-ज़ोर से दरवाजा पीटना शुरू किया। नींद गहरा गयी थी, सो दरवाजा खोलने में थोड़ी देर हो गई। वर्षा की माँ ने ज्यो ही दरवाजा खोला, वर्षा के शराबी पिता ने गालियों की बौछार के साथ वर्षा की माँ को दो जोरदार तमाचा रसीद करते हुए खाना लगाने को कहा और खुद सामने चटाई पर जा बैठा। अब-तक वर्षा की नींद भी खुल चुकी थी। वर्षा की माँ खाना देकर कोने में बैठी सिसक- सिसक कर रोये जा रही थी। जबकि नशे में धुत्त वर्षा का शराबी बाप खाना खा कर चटाई पर लुढ़क(सो) गया। यह सब देख वर्षा भी माँ के साथ रोने लगी और रोते-रोते ही कहे जा रही थी कि माँ मेरा तो आज संडे था, जो हफ्ते में एक बार जरूर आता है। मगर तुम्हारे साथ तो हर रोज यही होता है माँ। तुम्हारे जीवन में संडे कब आएगा ! कब आएगा तुम्हारे जीवन में संडे !??? #story #Stories #Nojoto #NojotoHindi
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