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Best संवेदनशील Shayari, Status, Quotes, Stories

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अदनासा-

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C-xo0-joxOq/?igsh=aXhjbzN6emhtbjRs #बांग्ला #भाषा #बांग्लादेश #हिंदू #मार्मिक #गीत #संवेदनशील #Instagram #Facebook #अदनासा वीडियो गाना वीडियो गाने वीडियो में वीडियो सॉन्ग Extraterrestrial life

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अदनासा-

Juhi Grover

कितने लापरवाह हो जाते हैं अपने लिए हम,
और कितने संवेदनशील हो जाते हैं अपनों के लिए वही हम। #हम
#अपने 
#कितने 
#लापरवाह 
#संवेदनशील 
#अपनोंकेलिए 
#yqdidi 
#yqhindi

brijesh mehta

अवसाद और मनोवैज्ञानिक चिकित्सक! #मंजर #manjar #manmadhan #अवसाद #संवेदनहीन #संवेदनशील #depression #yqbaba

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संवेदनहीन बिल्कुल नहीं हूं,
पर संवेदनशील होकर भी मैंने क्या पाया!?!

अवसाद और मनोवैज्ञानिक चिकित्सक! 

अवसाद और मनोवैज्ञानिक चिकित्सक!

#मंजर #manjar #manmadhan #अवसाद
#संवेदनहीन #संवेदनशील #depression #yqbaba

जीtendra

कभी कभी सोचता हूं
तो लगता है कि शायद मैं ही गलत हूं
जो रिश्तों के लिए इतना ज्यादा संवेदनशील और भावुक हूं,
क्योंकि आजकल का समय प्रैक्टिकल लोगों का है,
जो रिश्तों को अपने फ्री समय के हिसाब से चलाते हैं,

हम जैसे संवेदनशील और भावुक लोगों को तो आजकल पागल कहा जाता है... #संवेदनशील

somnath gawade

संवेदनशील असणं  बरं नाही..

आपल्या अवती-भोवती
चाललेल्या अनेक घटनांचा
मूक साक्षीदार होताना
बऱ्याच गोष्टी स्पर्शून
जातात अंतर्मनाला...

पदाचे आणि पैशाचे
अहंम बाळगणारे गरीब
जेंव्हा मनाच्या खोट्या 
श्रीमंतीचा आव आणतात
तेंव्हा मात्र त्यांची कीव येते.

दुसऱ्याच्या दुःखात
आपले सुख शोधणारे
महाभाग खोटे-खोटे
हळ-हळताना पाहिले की
त्यांची मात्र दया येते.

समोरच्याला तुच्छतेने
पाहणाऱ्या नजरा
दुसऱ्याच्या दुःखात
मगरीचे अश्रू काढतात
तेंव्हा मात्र गहिवरून येते.

अहंकार मग तो पैशाचा
असो किंवा पदाचा 
तो तरी कुठे शाश्वत असतो का?
याची जाणीव कशी होत नाही त्यांना
खरंच संवेदनशील असणं बरं नव्हे!


 #संवेदनशील

Author kunal

रूह बेनकाब थी 
मैं एक सवाल था 
कच्ची उम्र थी 
बस छोटा सा ख्वाब था 
मिलने की आस न थी 
फिर भी दौड़ गया जैसे मेरा ही उसे  इंतजार था
टूट गया बह गया 
ख्वाहिश रखना क्या यही मेरी  गुनाह थी। #मेरे_जज्बात008 
#अतीत_के_पन्ने 
#टूटा हूं तब शायद नीखरा हूं 
#संवेदनशील 
#कामिल_कवि 
#yqdidi 
#yqbaba 
#kunu

Aamir Qais AnZar

आज के मनुष्य की सबसे बड़ी चुनौती ख़ुद को #संवेदनहीनता से बचाए रखने की है। चारों तरफ़ एक अफ़रा तफ़री का #माहौल रचा जा रहा है जिससे मनुष्य #संवेदनशील न रहने पाए। ऐसे में उन कारणों की तलाश आवश्यक है जिससे हम संवेदनहीन बनते जाते हैं। OPEN FOR COLLAB 😁 #ATwhatiswrong • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ • Must use hashtag: AestheticThoughts • Please maintain the aesthetics. #अपनीदुनिया #कटघरे #indifference #intolerance Collaborating with Aesthetic Thoughts

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कटघरे में खड़े ज़माने हुये।
किसको साथी बोलें सब बेगांने हुये।
ईमान ताक़ पर है सदियों से 
बस अभी एक बात पर दीवाने हुये। आज के मनुष्य की सबसे बड़ी चुनौती ख़ुद को #संवेदनहीनता से बचाए रखने की है। चारों तरफ़ एक अफ़रा तफ़री का #माहौल रचा जा रहा है जिससे मनुष्य #संवेदनशील न रहने पाए। ऐसे में उन कारणों की तलाश आवश्यक है जिससे हम संवेदनहीन बनते जाते हैं।

OPEN FOR COLLAB 😁 #ATwhatiswrong 
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ♥️ 
• Must use hashtag:  AestheticThoughts 
• Please maintain the aesthetics. 
#अपनीदुनिया #कटघरे #indifference #intolerance 
Collaborating with Aesthetic Thoughts

अशोक द्विवेदी "दिव्य"

संवेदनशील व्यक्ति के लिए,
शब्द सा मीठा,
और शब्द से तीख़ा भी,
कुछ नही होता है । #शब्द #संवेदनशील #तीख़ा

Vikrant Rajliwal

💥 Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal (कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है। Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।

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Author, Writer, Poet & Dramatist Vikrant Rajliwal 
(कवि, शायर, नज़्मकार, ग़ज़लकार, गीतकार, व्यंग्यकार, लेखक एव नाटककार-कहानीकार-सँवादकार) 

1) प्रकाशित पुस्तक "एहसास"(published Book) : अत्यधिक संवेदनशील काव्य पुस्तक एहसास, जिसका केंद्र बिंदु हम सब के असंवेदनशील होते जा रहे सभ्य समाज पर अपनी काव्य और कविताओं के द्वारा एक प्रहार की कोशिश मात्र है।

Sanyog (संयोग) प्रकाशन घर शहादरा द्वारा प्रकाशित एव ए वन मुद्रक द्वरा प्रिंटिड। प्रकाशन वर्ष जनवरी 2016. प्रकाशित मूल्य 250:00₹ मात्र।
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