Nojoto: Largest Storytelling Platform

Best मन्त्र Shayari, Status, Quotes, Stories

Find the Best मन्त्र Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutतिलक लगाने का मन्त्र, श्री हनुमत्-मन्त्र-चमत्कार-अनुष्ठान, सम्पत्ति प्राप्ति मन्त्र, सन्तान गोपाल मन्त्र, शान्ति मन्त्र,

  • 8 Followers
  • 87 Stories

बेजुबान शायर shivkumar

#vishnubhagwan #विष्णु #nojotohindi #दोहा #दोहे #मन्त्र वर्णन मानव क्या करे, जब सक्षम वेद ना होए । क्षीरसागर शेष शयन, निद्रा से नयना सोए ।। जगत पालक जगतपति, की #महिमा जटिल महान । लक्ष्मी पति बैकुण्ठ पति का, कोई क्या गाए गुणगान ।।

read more

अनुभव पंडित जी

Ganesh joshi

Santosh 'Raman' Pathak

#HappyBirthdaySouravGanguly उत्तम की उम्मीद रक्खो, 
बुरे के लिए ख़ुद को तैयार रक्खो
शायद यही जीवन का मूल मंत्र है

©Santosh Pathak #सीख
#गांगुली से
#मन्त्र

#HappyBirthdaySouravGanguly

Jugal Vyas

Jugal Vyas

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8 ।।श्री हरिः।। 9 - देखे सकल देव 'भगवन! मैं किसकी आराधना करूं!' वेदाध्ययन पूर्ण किया था उस तपस्वी कुमार ने महर्षि भृगु की सेवा में रहकर। महाआथर्वण का वह शिष्य स्वभाव से वीतराग, अत्यन्त तितिक्षु था। उसे गार्हस्थ्य के प्रति अपने चित्त में कोई आकर्षण प्रतीत नहीं हुआ। 'वत्स! तुम स्वयं देखकर निर्णय करो!' आज का युग नहीं था। शिष्य गुरुदेव के समीप गया और उसके कान में एक मन्त्र पढ दिया गया। वह अपने गुरुदेव के सम्प्रदाय मे दीक्षित हो गया। यह कौन सोचे कि उस जीव का भ

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 8

।।श्री हरिः।।
9 - देखे सकल देव

'भगवन! मैं किसकी आराधना करूं!' वेदाध्ययन पूर्ण किया था उस तपस्वी कुमार ने महर्षि भृगु की सेवा में रहकर। महाआथर्वण का वह शिष्य स्वभाव से वीतराग, अत्यन्त तितिक्षु था। उसे गार्हस्थ्य के प्रति अपने चित्त में कोई आकर्षण प्रतीत नहीं हुआ।

'वत्स! तुम स्वयं देखकर निर्णय करो!' आज का युग नहीं था। शिष्य गुरुदेव के समीप गया और उसके कान में एक मन्त्र पढ दिया गया। वह अपने गुरुदेव के सम्प्रदाय मे दीक्षित हो गया। यह कौन सोचे कि उस जीव का भ

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 33 - यह अर्चक कभी कोई ऋषि-मुनि वन में भी आ जाते हैं। वैसे नन्द भवन में तो ये आते ही रहते हैं। बाबा, मैया इन लोगों की बडी श्रद्धा से पूजा करते हैं। कन्हाई सम्भवतः यही देख-देखकर ऋषियों की अर्चा करना सीख गया है। कोई ऋषि वन में आ जायें तो यह चपल सहसा गम्भीर हो जाता है। सभी गोपकुमार श्रद्धालु हैं। ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने में उनकी सेवा-पूजा करने में सब उत्साह रखते हैं; किंतु यह काम कन्हाई से जैसा उत्तम बनता है, दूसरों से तो नहीं बनता। इसलिये ऐसे समय यह स्वयं अग्रणी बन जाता है। दाऊ द

read more
।।श्री हरिः।।
33 - यह अर्चक

कभी कोई ऋषि-मुनि वन में भी आ जाते हैं। वैसे नन्द भवन में तो ये आते ही रहते हैं। बाबा, मैया इन लोगों की बडी श्रद्धा से पूजा करते हैं। कन्हाई सम्भवतः यही देख-देखकर ऋषियों की अर्चा करना सीख गया है।

कोई ऋषि वन में आ जायें तो यह चपल सहसा गम्भीर हो जाता है। सभी गोपकुमार श्रद्धालु हैं। ऋषि-मुनियों को प्रणाम करने में उनकी सेवा-पूजा करने में सब उत्साह रखते हैं; किंतु यह काम कन्हाई से जैसा उत्तम बनता है, दूसरों से तो नहीं बनता। इसलिये ऐसे समय यह स्वयं अग्रणी बन जाता है। दाऊ द

RAJ SINGH ✔️

----प्रेम और विवाह ----- सारे रस्म घूंघट में हो रहे थे। जयमाला के वक़्त हल्का सा नाक और होंठ ही तो दिख पाया था। गहनों ने पूरा ढक रखा था और रही-सही कसर उस झीनी सी सितारों वाली चुन्नी ने पूरी कर दी थी। "एक झलक दिख ही जाती तो क्या चला जाता। फोन पर कितनी बार कहा था कि, घूंघट मत करना मगर इन्हें तो हमारी कम और घूँघट की ज्यादा पड़ी है" पंडित के साथ मन्त्र बुदबुदाते हुए, मन में "राज" सोच रहा था। कुढ़न तो इतनी मच रही थी, मगर क्या करता रस्में तो निभानी थी तो निभाए जा रहा था। लेकिन मन में तय कर लिया था इसका

read more
----प्रेम और विवाह -----

सारे रस्म घूंघट में हो रहे थे। जयमाला के वक़्त हल्का सा नाक और होंठ ही तो दिख पाया था। गहनों ने पूरा ढक रखा था और रही-सही कसर उस झीनी सी सितारों वाली चुन्नी ने पूरी कर दी थी। "एक झलक दिख ही जाती तो क्या चला जाता। फोन पर कितनी बार कहा था कि, घूंघट मत करना मगर इन्हें तो हमारी कम और घूँघट की ज्यादा पड़ी है" पंडित के साथ मन्त्र बुदबुदाते हुए, मन में "राज" सोच रहा था।

कुढ़न तो इतनी मच रही थी, मगर क्या करता रस्में तो निभानी थी तो निभाए जा रहा था। लेकिन मन में तय कर लिया था इसका

Love Prashar

#genesis Introduction इस कहानी को जब मैं लिख रहा था तो खुद मेरे जेहन मे कई सवालात थे मै उन दंगो के वक़्त वहा उस जगह पर तो नहीं था परन्तु सिर्फ उन दंगो के दृश्यों की कल्पना मात्र से ही मेरा ह्रदय डर और क्रोध से जाँझोड सा गया कुछ वक़्त बाद वहा कर्फुयु लगा और धीरे धीरे दंगे शांत होगए और शायद 14-15 साल होगए इस वाक्य को पर अब तक कोई फैसला नहीं आया और कुछ लोग जिनके घर उजड़े थे वो घर-बार छोड़ चले गए और कुछ जिनके पास अभी भी वहा रहने के इलावा कोई और चारा नहीं था वो वही उसी शहर मे जैसे तैसे अपना जीवन व्यत

read more

इक दोस्ती ऐसी भी थी ( A Lesson From Riots, Friendship Has No Religion )


I wrote this with lot feelings please take some time out and read it if possible 

पूरी कहानी अनुशीर्षक मै पढ़े ( Read In Caption ) 
 #Genesis


Introduction 
इस कहानी को जब मैं लिख रहा था तो खुद मेरे जेहन मे कई सवालात थे मै उन दंगो के वक़्त वहा उस जगह पर तो नहीं था परन्तु सिर्फ उन दंगो के दृश्यों की कल्पना मात्र से ही मेरा ह्रदय डर और क्रोध से जाँझोड सा गया 
कुछ वक़्त बाद वहा कर्फुयु लगा और धीरे धीरे दंगे शांत होगए और शायद 14-15 साल होगए इस वाक्य को पर अब तक कोई फैसला नहीं आया और कुछ लोग जिनके घर उजड़े थे वो घर-बार छोड़ चले गए और कुछ जिनके पास अभी भी वहा रहने के इलावा कोई और चारा नहीं था वो वही उसी शहर मे जैसे तैसे अपना जीवन व्यत
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile