Find the Best आवेश Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutआवेश क्या है, आवेश का मतलब, आवेश का अर्थ, आवेश का फुल फॉर्म, प्रोटॉन का आवेश,
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जय श्री कृष्ण ©shree krishna #व्यक्ति #आवेश में #गलत #कार्य भी कर सकता हैं #श्रीकृष्ण #arjun #भगवद्गीता
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read moreAtul Sharma
*📝“सुविचार"📝* *🖋️“4/12/2020”🖋️* *🌟✨“शुक्रवार”✨🌟* *कभी सोचा है उन “माता-पिता” के “विषय” में जिन्होंने उस “परिवार” का “निर्माण” किया,* *जिन्होंने उसे “सहेझ” कर रखा, उसे “पाला-पोसा”,* *कभी सोचा है उनके “विषय” में...* *जब भी “जीवन” में ऐसी कोई “भावना” या “सोच” आए* *जिसके कारण आप “परिवार” को “तोड़ने” जाओ,स्वयं को “रोक” दिजिए,* *स्वयं को स्मरण करवाइए, अपने “माता-पिता” के विषय में,* *उनके “परिश्रम” के विषय में,उनके “धैर्य” के विषय में,उनके “प्रेम” के विषय में,* *आपका “आवेश” में आना,आपका “स्वार्थ”...* *ये सब उनके समक्ष बहुत “छोटा” है* *अतुल शर्मा🖋️📝📙* *📝“सुविचार"📝* *🖋️“4/12/2020”🖋️* *🌟✨“शुक्रवार”✨🌟* #माता-पिता #परिवार
Bambhu Kumar (बम्भू)
6. क्षणिक आवेश जिसमें हर युवा तैमूर था हाँ, मगर होनी को तो कुछ और ही मंजूर था रात जो आया न अब तूफ़ान वह पुर ज़ोर था भोर होते ही वहाँ का दृश्य बिलकुल और था सिर पे टोपी बेंत की लाठी संभाले हाथ में एक दर्जन थे सिपाही ठाकुरों के साथ में घेरकर बस्ती कहा हलके के थानेदार ने - "जिसका मंगल नाम हो वह व्यक्ति आए सामने" निकला मंगल झोपड़ी का पल्ला थोड़ा खोलकर एक सिपाही ने तभी लाठी चलाई दौड़ कर गिर पड़ा मंगल तो माथा बूट से टकरा गया सुन पड़ा फिर "माल वो चोरी का तूने क्या किया"... #क्षणिक #आवेश जिसमें हर #युवा तैमूर था हाँ, मगर होनी को तो कुछ और ही #मंजूर था #रात जो आया न अब #तूफ़ान वह पुर ज़ोर था भोर होते ही वहाँ का #दृश्य बिलकुल और था #सिर पे टोपी बेंत की #लाठी संभाले हाथ में एक दर्जन थे सिपाही ठाकुरों के साथ में
Anil Siwach
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 11 ।।श्री हरिः।। 10 - नाम का मोह 'मुझे कोई आराधना बताइये! कोई भी अनुष्ठान बता दीजिये। मैं कठिन-से-कठिन अनुष्ठान भी कर लूंगा। महेश आज एक संत के पैर पकड़कर बैठ गया था। आस-पास के लोग कहते हैं कि मुनीश्वर महाराज सिद्ध संत हैं। वे जिसे जो बात कह देते हैं, वही हो जाती है। किसी को वे सीधे तो आशीर्वाद देते नहीं, कोई पूजा कोई पाठ, कोई अनुष्ठान बता देते हैं। लेकिन जिसे वे कुछ बता देते हैं, वह ठीक-ठीक उनकी आज्ञा का पालन करे तो उसका काम हो जाता है।
read moreसिद्धार्थ मिश्र स्वतंत्र
दूरी का कुछ क्लेश नहीं है, कुछ भी कहना शेष नहीं है.! प्रेम से तुम्हें विदा करना है, मन में कोई आवेश नहीं है..! उजड़े मन के प्रतिमानों में, जीवन का अवशेष नहीं है..! स्वतंत्र तुम्हारी इच्छाओं से, मुझको कोई द्वेष नहीं है..! विरक्ति मेरी चिर स्थायी है, यह परिवर्तित भेष नहीं है..! झंझावात अगर है जीवन, मेरा ये परिवेश नहीं है..! सिद्धार्थ मिश्र #NojotoQuote कुछ भी कहना शेष नहीं है #दूरी #कुछ_भी #कहना #शेष_नही_है #प्रेम #आवेश #परिवेश
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