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Best जबतक Shayari, Status, Quotes, Stories

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Sarita Shreyasi

#जबतक वो बंधी नहीं थी, वो भी स्वच्छ, निर्मल जलधारा थी। किसी से कोई अपेक्षा नहीं, अपनी राह बहे जाना, जो मिला उसे ही स्नेह से नहला देना। मुस्कान देना और मुस्कुराना। प्रकृति ने सबको ऐसा ही बनाया है, पर मनुष्य अपनी जरूरत के हिसाब से ठहरा भी, बंधा भी। जब पानी ठहरेगा तो मैला भी होगा और शैवाल भी जमेंगे, पर सत्य यही है कि सृजन हेतु उसे अपनी गति को कम करना होगा। हमें गृहस्थी के प्रपंच में प्रेम की निर्मलता भी चाहिए और अपेक्षा अधिकार के बंधन में अपनी स्वच्छंदता और चाहतों की उड़ान भी। पर कटा कर उड़ने की चाहत

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पर कटा कर उड़ने की चाहत, 
यही चाहत जान ले लेती है।

(Read in caption) #जबतक वो बंधी नहीं थी, वो भी स्वच्छ, निर्मल जलधारा थी। किसी से कोई अपेक्षा नहीं, अपनी राह बहे जाना, जो मिला उसे ही स्नेह से नहला देना। मुस्कान देना और मुस्कुराना। प्रकृति ने सबको ऐसा ही बनाया है, पर मनुष्य अपनी जरूरत के हिसाब से ठहरा भी, बंधा भी। जब पानी ठहरेगा तो मैला भी होगा और शैवाल भी जमेंगे, पर सत्य यही है कि सृजन हेतु उसे अपनी गति को कम करना होगा। हमें गृहस्थी के प्रपंच में प्रेम की निर्मलता भी चाहिए और अपेक्षा अधिकार के बंधन में अपनी स्वच्छंदता और चाहतों की उड़ान भी। पर कटा कर उड़ने की चाहत

Sarita Shreyasi

#कभी फुर्सत से, साथ बैठेंगे, मैं और तुम, हाँ, बस हमदोनों। बेरोकटोक हर बात करेंगे, पहले सारे गिले-शिकवे,फिर नाज़ुक गीले अहसास रखेंगे। छूट गए जो आपाधापी में, मुहब्बत के सारे जज़्बात जियेंगे, दो घूँट जिंदगी एकसाथ पियेंगे।

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कब तक?
जब तक मेरी नमी 
तुम्हारे सीने में उतर न जाये
अपनेपन की गर्मी से 
भाप बन ये उड़़ न जाए।
या तबतक, जबतक मेरे
बाजुओं की गिरफ्त 
खु़द-ब़-खु़द ढीली न पड़ जाये।

( please Read the caption)
 #कभी फुर्सत से, साथ बैठेंगे,
मैं और तुम, हाँ, बस हमदोनों।
बेरोकटोक हर बात करेंगे,
पहले सारे गिले-शिकवे,फिर 
नाज़ुक गीले अहसास रखेंगे।
छूट गए जो आपाधापी में,
मुहब्बत के सारे जज़्बात जियेंगे,
दो घूँट जिंदगी एकसाथ पियेंगे।

MR VIVEK KUMAR PANDEY

#जबतक में जीतुंगा नहीं तब तक

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Writer Mr Vivek Kumar pandey

"जब तक में जितुंगा नहीं,
तब तक तुम हारोगे कैसे".। #जबतक में जीतुंगा नहीं तब तक

Ghumnam Gautam

Dr Manju Juneja

जब तक आप संसार का ऋण(अपने कर्मो का ऋण) नही चुकाते, तब तक आप संसार से बंधन मुक्त नही होते ।

©Dr Manju Juneja #जबतक #आप#संसार#ऋण#चुकाते#बंधनमुक्त #नहीहोते #thoguhtoftheday #philosophy #positivequotes

Yogini Kajol Pathak

#जिन्दगी#जबतक#माँ#बाप#हैं#तभी#तक#जिन्दगी#है#Nojoti Hindi writing Varsha Singh Baghel(शिल्पी) SIR JI Saurav Tiwari

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एक बताऊँ आपको कल सपना आया था
मुझको,मैं चढके तुम्हारे कधइया पर 
जब बचपन में कलइया मारा करती थी
गलती हो जाती थी और गोद आपके गिरती थी
समय वही लौटा जाते पापा काश आप आ जाते,
हम बढ़े हो गये तुम्हारे जाने के बाद फिर भी
तुम आते हो हमें बचपन जैसे ही याद
वो जो हमारा दौर था उसमें बात ही कुछ और था
काश कहीं हो पाता ऐसा पल मिल जाता पहले जैसा
पापा का कन्धा होता मम्मी का डन्डा होता
फिर तो गजब की होती बात दुबक तुम्हारे कलेजे में
मम्मी को चिढ़ा जाते,,
पापा काश तुम आ जाते 
हमको चाहीए तुम्हारा प्यार
ये दुनिया लगता है जंजाल इस उलझन से बचा जाते 
पापा काश तुम आ जाते,
आख भरभरा जाती है ,आह निकल जाती है 
मन होकर के बेचैन हमको है बरगला जाता
कहना बड़ा ही मुश्किल है,खाली खाली सा दिल है
दर्द ये हमारा मिटा जाते पापा बस तुम आ जाते..!
 #जिन्दगी#जबतक#माँ#बाप#हैं#तभी#तक#जिन्दगी#है#Nojoti Hindi writing Varsha Singh Baghel(शिल्पी) SIR JI Saurav Tiwari

Anshul Pandey

nojoto

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जबतक छुपे रहोगे सब सही रहेगा
पकडे गये तो जहा, जैसे भी हो निकलना पड़ेगा 
जगह बदलने होंगे हलात सम्भालने होंगे
जबतक सब सम्भाल लोगे फिर पकड़े जाओगे

छुपन छुपाई का खेल हैं ये सारा
जिन्दगीं चोर हैं जो गिनती कर रही हैं 100 तक की
कितना और कबतक छुपोगे
खुद बाहर निकलो और धप्पा करदो जिन्दगी को।

उसे भेज दो फिरसे गिनती करने को
क्योकी वैसे भी आज नही तो कल पकडे ही जाओगे। #nojoto

Diwani uski... (Riya)

हुआ जन्म मेरा एक लड़की के रूप में... 
दुःख की कहानी यहीं से शुरू हो जाती है.. 
दुःख का और मेरा यहीं से नाता जुड़ जाता है.. 
हुआ जन्म मध्यम वर्गीय परिवार में... 
हुआ जन्म मेरा छोटे से शहर में.. 
दुःख नहीं था  इसका जबतक न समझ अायी 
जबतक न हुआ भेदभाव हम दोनों बहन भाई में.. 
खुशी थी माँ समझने वाली है.. 
पर पापा क्यों नहीं समझते दुःख था इस बात का. 
क्यों दुनिया की बातो में बेटी बेटा करते रहे.. 
जब हुई चौदह बरस की वो क्यों उसके लिए बेड़ियां तलाशने लगे.. 
क्यों परंपरा के नाम पर उस बच्ची के भविष्य को अंधकार में धकेलने लगे.. 
एक और भाई को विदेश पढाई के लिए भेजने लगे.. 
दूसरी और उसे बस शादी हो जाए इतना पढ लो कहने लगे.. 
दुःख और मेरा नाता अबतक बहुत गहरा हो चुका था.. 
लड़के की पसंद को अपना लिया जाता है.. 
दूसरी और उसकी  पसंद का गला घोंट  दिया जाता है 
लड़का नाम ऱोशन करे और उसको घर की दीवारों में दफ़न कर दिया जाता है ..
सपने पूरे, ख्वाइशें सारी दफन हो जाती है.. 
ये दर्द उसका हमदर्द बन जाता है.. 
अंदर से उसके कोई चीखता है.. 
ये दुःख  जाता क्यों नहीं है.. | #sadness#Qanda #realityoflifeagirlwhoborninmiddleclassfamily 😢😢😢

Anil Srivastava

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#DearZindagi #चरित्रहीन

स्त्री तबतक 'चरित्रहीन' नहीं हो सकती जबतक कि पुरुष चरित्रहीन न हो। संन्यास लेने के बाद गौतमबुद्ध ने अनेक क्षेत्रों की यात्रा की। एक बार वे एक गांव गए। वहां एक स्त्री उनके पास आई और बोली आप तो कोई राजकुमार लगते हैं। क्या मैं जान सकती हूँ कि इस युवावस्था में गेरुआ वस्त्र पहनने का क्या कारण है ? बुद्ध ने विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया कि तीन प्रश्नों के हल ढूंढने के लिए उन्होंने संन्यास लिया। बुद्ध ने कहा- हमारा यह शरीर जो युवा व आकर्षक है वह जल्दी ही वृद्ध होगा फिर बीमार व अंत में मृत्यु के मुंह में चला जाएगा। मुझे वृद्धावस्था, बीमारी व मृत्यु के कारण का ज्ञान प्राप्त करना है। बुद्ध के विचारो से प्रभावित होकर उस स्त्री ने उन्हें भोजन के लिए आमंत्रित किया। शीघ्र ही यह बात पूरे गांव में फैल गई। गांववासी बुद्ध के पास आए और आग्रह किया कि वे इस स्त्री के घर भोजन करने न जाएं क्योंकि वह चरित्रहीन है। बुद्ध ने गांव के मुखिया से पूछा- क्या आप भी मानते हैं कि वह स्त्री चरित्रहीन है ? मुखिया ने कहा कि मैं शपथ लेकर कहता हूं कि वह बुरे चरित्र वाली स्त्री है।आप उसके घर न जाएं। बुद्ध ने मुखिया का दायां हाथ पकड़ा और उसे ताली बजाने को कहा। मुखिया ने कहा- मैं एक हाथ से ताली नहीं बजा सकता क्योंकि मेरा दूसरा हाथ आपके द्वारा पकड़ लिया गया है। बुद्ध बोले इसी प्रकार यह स्वयं चरित्रहीन कैसे हो सकती है जबतक कि इस गांव के पुरुष चरित्रहीन न हो। अगर गांव के सभी पुरुष अच्छे होते तो यह औरत ऐसी न होती इसलिए इसके चरित्र के लिए यहाँ के पुरुष जिम्मेदार हैं l यह सुनकर सभी लज्जित हो गये लेकिन आजकल हमारे समाज के पुरूष लज्जित नहीं गौरवान्वित महसूस करते है क्योंकि यही हमारे "पुरूष प्रधान" समाज की रीति एवं नीति है l

Nitish Pandey

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आपके बारे में सोचे बिना नहीं रह सकते lallji आपसे बात किए बिना हम किसी और काम में दिल लगा नहीं सकते lallji आप से जबतक पुंछ न लें कि खाना हुआ lallji और आपका जवाब जबतक हां मैं न आए lallji तब तक हमारे गले से निवाला नहीं निकलता lallji
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