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Neel

Insprational Qoute

उत्तरायण प्रतीक्षा *************** सूर्य देव आपको यह पावन पर्व समर्पित, हुये सक्रांति उत्तरायण में मन करूँ अर्पित, आई फिर झूम कर ढेरो खुशियों की बहार, नवोद्भिद सुमन पुष्प से चेहरे हुये पल्लवित,

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उत्तरायण प्रतीक्षा
***************
सूर्य देव आपको यह पावन पर्व समर्पित,
हुये सक्रांति उत्तरायण में मन करूँ अर्पित,
आई फिर झूम कर ढेरो खुशियों की बहार,
 नवोद्भिद सुमन पुष्प से चेहरे हुये पल्लवित,

शरद ऋतु में आ तिल हम सब चटकाते,
बना सक्रांति आज से दिन वृद्धि कर जाते,
ठिठुरन को छोड़ आप शरद को ले जाते,
खग छोड़ नीड़ आलस्य गगन में दूर उड़ जाते,

कर दान पुण्य स्वर्गद्वार के लिए मिल जाये मोक्ष,
आपसी स्नेहाभाव भी बाँट दो ,दुआ दो परोक्ष,
बल बुद्धि विद्या का ज्ञान मिले नित शीश झुकाओ,
करे जो मनभावन इस पावन हृदय चंदन बन जाओ,

 उत्तरायण में आये सूर्य से महामारी का विनाश हो,
मन उल्लसित हो जाये ऐसा जीवन हमारा खास हो,
न करना कभी बैरभाव किसी भी प्राणी तुल्य से,
होगा जीवनसार जगत का ऐसी प्यार की मिठास हो।

कर उत्तरायण प्रतीक्षा जीवन मे नव ऊर्जा का संचार हो,
मिल जाता मोक्ष जो त्याग करे दुर्गुण न कभी दुराचार हो,

समूल भारत मे अनन्य नामों से प्रसिद्ध यह त्योहार है,
कहीं लोहड़ी, कही बिहू तो कही सक्रांति की बहार है। उत्तरायण प्रतीक्षा
***************


सूर्य देव आपको यह पावन पर्व समर्पित,
हुये सक्रांति उत्तरायण में मन करूँ अर्पित,
आई फिर झूम कर ढेरो खुशियों की बहार,
 नवोद्भिद सुमन पुष्प से चेहरे हुये पल्लवित,

Prerit Modi सफ़र

काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। काव्य-ॲंजुरी✍️ आज एक विशिष्ट प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है। नियम :- 1.आपको दिए गए विषयों में से किसी एक पर रचना लिखनी है : i. पतंग यूॅं उड़ी

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🪁🪁🪁🪁पतंग यूँ उड़ी 🪁🪁🪁🪁

पतंग यूँ उड़ी  आज  दिल के सतरंगी आसमान में मेरे
छूकर   आएगी   इंद्रधनुषी   रंग  सनम  दिल  के  तेरे

मांझा है  ये इश्क़ का काटेगा नफ़रतों की डोर को तेरे
लूटूंगा  मैं   फिर  वो  कटी  पतंग दिल की छत पे मेरे

सूरज दक्षिणायन में था आज उतरेगा उत्तरायण में तेरे
सर्द हवाएं  धीमे धीमे  गरम होंगी दिल-ए-शहर में मेरे

रौनक-ए-बहार  है  आई आज दिल के रेशे रेशे में मेरे
शबनम   सी  तू   उतर  आई  है  बाग़-ए-दिल  में मेरे

'सफ़र' ये पतंग का मेरी अब आसानी से थमेगा नहीं
पतंग  ये   इश्क़  की  मेरी  उड़ती  रहेगी  दिल में  तेरे काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है।

काव्य-ॲंजुरी✍️ आज एक विशिष्ट प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है।

नियम :-

1.आपको दिए गए विषयों में से किसी एक पर रचना लिखनी है :
   i.   पतंग यूॅं उड़ी

DR. SANJU TRIPATHI

काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। काव्य-ॲंजुरी✍️ आज एक विशिष्ट प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है। नियम :- 1.आपको दिए गए विषयों में से किसी एक पर रचना लिखनी है : i. पतंग यूॅं उड़ी

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पतंग यूँ उड़ी

मेरे दिल की पतंग तेरे प्यार के माँझे संग आसमान में उड़ गई।
टूटेगी ना अब ये मेरे दिल की डोर जो तुम्हारे दिल से जुड़ गई।

कोई माने न माने अब मैं तेरी हीर और तू मेरा राँझा बन गया,
ना टूटेगी ना छूटेगी अब ये दिल की लगी जो तुमसे लग गई।

हमारे प्यार की पतंग यूँ उड़ी सारा जहाँ खुशियों से भर गया,
न काट पायेगा कोई दूजा इसे यह हमारे विश्वास से बंध गई।

प्रेम का इक तारा संग- संग दोनों के दिल में बजने लग गया,
पता ही ना चला हम दोनों को कब तू मेरा और मैं तेरी हो गई

मैं तेरे दिल की धड़कन और तू मेरे दिल की धड़कन बन गया,
बंधी साँसो से साँसों की डोरी दिल की धड़कन भी एक हो गई। काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है।

काव्य-ॲंजुरी✍️ आज एक विशिष्ट प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है।

नियम :-

1.आपको दिए गए विषयों में से किसी एक पर रचना लिखनी है :
   i.   पतंग यूॅं उड़ी

Writer1

सुंदर मुंदरीय‌ हो" सांझी संस्कृति का प्रतीक है लोहड़ी, प्यार व सौहार्द का प्रतीक है लोहड़ी, आपसी भाईचारे का प्रतीक है लोहड़ी, पौष मास की समाप्ति,माघ मास के प्रारभ है लोहड़ी, मोहब्बत की एहसास और बसंत ऋतु का आगाज़ है लोहड़ी। हर वर्ग और समुदाय खुशी-खुशी इसे मनाए,

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       "सुंदर मुंदरीय‌ हो"
सांझी संस्कृति का प्रतीक है लोहड़ी,
प्यार व सौहार्द का प्रतीक है लोहड़ी,
आपसी भाईचारे का प्रतीक है लोहड़ी,
 पौष मास की समाप्ति,माघ मास के प्रारभ है लोहड़ी,
मोहब्बत की एहसास और बसंत ऋतु का आगाज़ है लोहड़ी।

हर वर्ग और समुदाय खुशी-खुशी इसे मनाए, 
पुराने गिले-शिकवे भुलाकर रिश्तों को मज़बूत बनाए,
वंश वृद्धि का सूचक जैसे नई दुल्हन, नन्हे मेहमान का आना,
तिल-रेवड़ियों की आहुति के साथ अग्नि के चक्र लगाना,
नाच गाकर पूरे हर्षोल्लास इसको मनाना।

किसी के घर लोहड़ी मांगने जाओ तो
"सुंदर मुंदरीय‌ हो" दुल्ला भट्टी वाला,
 गीत गा कर लोहड़ी मांगी जाती है,
यह बड़ी पुरानी और प्रसिद्ध कहानी है,
इस गीत के के द्वारा याद कर आते वो कहानी है।

नायक दुल्ला भट्ठी ने दो गरीब लड़कियों को बचाया था,
 सुंदरी और मुंदरी को मुगल शासकों से बचाकर, 
लगा जंगल में आग विवाह करवाया था,
 तबसे उसी को याद करके,
 यह सुंदर गीत पनप के आया था।
 सुंदर मुंदरीय‌ हो"
सांझी संस्कृति का प्रतीक है लोहड़ी,
प्यार व सौहार्द का प्रतीक है लोहड़ी,
आपसी भाईचारे का प्रतीक है लोहड़ी,
 पौष मास की समाप्ति,माघ मास के प्रारभ है लोहड़ी,
मोहब्बत की एहसास और बसंत ऋतु का आगाज़ है लोहड़ी।

हर वर्ग और समुदाय खुशी-खुशी इसे मनाए,

Anil Prasad Sinha 'Madhukar'

काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है। काव्य-ॲंजुरी✍️ आज एक विशिष्ट प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है। नियम :- 1.आपको दिए गए विषयों में से किसी एक पर रचना लिखनी है : i. पतंग यूॅं उड़ी

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🌷 पतंग यूँ उड़ी 🌷

स्वच्छंद  आकाश में जो, अनेकों पतंगों को  उड़ते देखा,
मेरा  मन भी  भावनाओं में  आकर, कुछ  बहकने लगा।

सोंचा  क्यों ना  पल  दो पल, लुत्फ  उठा लूँ  जीवन का,
मेरे दिल की  पतंग यूँ उड़ी, कल्पनाओं में मैं बहने लगा।

रंग  बिरंगी  दुनिया  को  देख, मेरा  मन भी  तरस  गया,
पेंच लड़ी  किसी नाज़नीन से, प्रेम सुधा सा  बरस गया।

विश्वास का मांझा  कमजोर निकला, डोर मेरा कट गया,
भ्रम का जाल जो आँखों पर था, अनायास ही छट गया।

बह चला मैं  ऊँचे आसमान में, ना ठौर ना  ठिकाना था,
कोई मुझे लूट लेता या, मुझे पुनः जमीन  पर आना था।

जाने कैसे भावनाओं में बहकर, कर्म पथ से भटक गया,
ना लूटा गया ना जमीं पर आया, मैं पेड़ों पर लटक गया। काव्य-ॲंजुरी✍️ विशिष्ट प्रतियोगिता में आपका स्वागत है।

काव्य-ॲंजुरी✍️ आज एक विशिष्ट प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है।

नियम :-

1.आपको दिए गए विषयों में से किसी एक पर रचना लिखनी है :
   i.   पतंग यूॅं उड़ी

अशोक विशिष्ट

#ग़जल...

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-------- *गज़ल*-------
यार यों मुस्करा करके वक्त तुम ज़ाया करती हो।

तो दिल गहराई तक क्यो हमेशा जाया करती हो।


रूहानी रिश्ता समझ तितलियों ने क्या कह दिया।

कलियों जो अब तुम भँवरों को पराया करती हो।


दिल समंदर है मेरा जल वैसे ही खारा बहुत है।

नदियों सूखकर क्यो आँसू तुम बहाया करती हो।


तलबगार हूँ तेरा "विशिष्ट" कोई शायर तो नही।

दिल  मेहमान  हूँ तेरा  तो क्यों सताया करती हो।

  अशोक "विशिष्ट" #ग़जल...

YOGI_ak-47▄︻̷̿┻̿═━一

SHAT SHAT NAMAN 👍👍👍

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*मनोहर पर्रिकर*💐💐

*चार बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर,2014-2017 तक देश के रक्षा मंत्री रहे थे*

2001 में पर्रिकर को आईआईटी बॉम्बे ने विशिष्ट एल्यूमिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया था
मनोहर पर्रिकर कोपैंक्रियाटिक कैंसर था

पणजी. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार कोनिधन हो गया। वे पहले आईआईटीयन थे जो किसी राज्य के मुख्यमंत्री बने। पर्रिकर की सादगी और साफगोई की विरोधी भी तारीफ करते थे। उन्हें मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी स्कूटर पर गोवा की सड़कों पर देखा जाना आम था। साल 2001 में पर्रिकर को आईआईटी बॉम्बे ने विशिष्ट एल्यूमिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया था।

मनोहर गोपालकृष्ण पर्रिकर का जन्म गोवा के मापुसा में 13 दिसंबर 1955 को हुआ था। पर्रिकर स्कूली शिक्षा के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। वे आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 26 साल की उम्र में मापुसा के संघ चालक बने। 1988 में भाजपा में शामिल हुए।इस दौरान वे राम जन्मभूमि आंदोलन का भी प्रमुख हिस्सा रहे।


स्कूटर से जाते थे विधानसभा
गोवा के मुख्यमंत्री होने के बावजूद पर्रिकर स्कूटर से विधानसभा जाया करते थे। रक्षामंत्री रहने के दौरान भी वे प्लेन में इकोनॉमी क्लॉस में ही सफर करते थे। पर्रिकर की छवि देश के बेदाग नेता वाली थी। किसी भी घोटाले में उनका नाम नहीं आया था। इसी छवि के चलते वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुड लिस्ट में शामिल थे। उनकी सादगी ऐसी थी कि वे बड़े-बड़े सम्मेलनों में हवाई चप्पल और हॉफ शर्ट में भी पहुंच जाते थे।
👍👍👍👍 #NojotoQuote SHAT SHAT NAMAN 👍👍👍

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