Find the Best साक्षात Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutगुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर गुरु साक्षात, गुरुदेवो महेश्वरा गुरु साक्षात, गुरु साक्षात, गुरुर्देवो महेश्वरा गुरू साक्षात, साक्षात परब्रम्ह,
priyanka
कात्यायनी माता स्तुती त्वं महर्षि कात्यायन पुत्री प्रत्यक्ष कात्यायनी माता l अद्भुत शक्ती अंतरी त्वं साक्षात दुर्गा माता ll१ll ब्रम्हा, विष्णु, शिवांशिनी चतुर्भूज धारीनी l त्वं महिषसुरमर्दिनी अमोघ फल दायिनी ll२ll अलौकिक तेजस मुख मंडल कामलपुष्प, तलवार हस्ती सुशोभित l एक हस्त वरद मुद्रेत एक हस्त अभय मुद्रेत स्थीत ll३ll उपासना तुझी माता जे जे करतात मनोभावे l अर्थ,धर्म,काम,मोक्ष चार फल निश्चित पावे ll४ll वर प्राप्ती मनोवांच्छित तव आराधना निश्चित l त्वं ब्रजमंड अधिष्ठात्री श्री हरी वर मिळवा म्हणून -गोपिका तुझीच आराधना करत ll५ll लाल रंगात तू शोभती अंबे तू साक्षात ग पार्वती l सिंह तुझं वाहन भक्तांना तू पावती ll६ll ✍️ प्रियंका सोनवणे
priyanka
माता शैलपुत्री नव दूर्गांपैकी प्रथम दुर्गा तू l हिमालय पुत्री शिव अर्धांगिनी तू ll१ll साक्षात शक्ती स्वाभिमानी तू l अखंड तप करुनी शिव वरीला तू ll२ll दक्ष पुत्री होता अपमानित l देह त्यागिला हवन अग्नीत ll३ll पुनर्जन्म घेतला साक्षात पार्वती तू l शिव प्रिया तेजस्विनी तू ll४ll कमल पुष्प एक हाती दुसऱ्या त्रिशूल l प्रसन्न मुद्रा तुझी हेमवती माता सकल ll५ll ✍️ प्रियंका सोनवणे
Ankit Dixit Mohan
Happy Father's day 😍😍 पिता कहने को तो एक बहुत छोटा सा शब्द है पर इस शब्द में समस्त संसार का समावेश है.... क्या है पिता......? पिता आकाश है पिता विस्तार है पिता प्रत्यक्ष है पिता प्रमाण है पिता पर्वत है पिता वरदान है
read moreअँकित आजाद गुप्ता
🙏🏻गुरु की महिमा से इतिहास एवम आध्यात्म भरा पड़ा हैं, शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है। अर्थात दो अक्षरों से मिलकर बने 'गुरु' शब्द का अर्थ - प्रथम अक्षर 'गु का अर्थ- 'अंधकार' होता है जबकि दूसरे अक्षर 'रु' का अर्थ- 'उसको हटाने वाला' होता है। 🙏🏻इन्ही कारणो से वेदो में उल्लेखित यें मंत्र विख्यात हैं, गुरुर्ब्रम्हा गुरुर्विष्णु गुरुदेवो महेश्
read moreAnil Siwach
|| श्री हरि: || 9 - श्रद्धा की जय आज की बात नहीं है; किंतु है इसी युगकी क्या हो गया कि इस बात को कुछ शताब्दियाँ बीत गयी। कुलान्तक्षेत्र (कुलू प्रदेश) वही है, व्यास ओर पार्वती की कल-कल-निदनादिनी धाराएँ वही हैं और मणिकर्ण का अर्धनारीश्वर क्षेत्र तो कहीं आता-जाता नहीं है। कुलू के नरेश का शरीर युवावस्था में ही गलित कुष्ठ से विकृत हो गया था। पर्वतीय एवं दूरस्थ प्रदेशों के चिकित्सक व्याधि से पराजित होकर विफल-मनोरथ लौट चुके थे। क्वाथा-स्नान , चूर्ण-भस्म, रस-रसायन कुछ भी तो कर सका होता। नरेश न उच्छृं
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